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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री लखमा की न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। लखमा 4 फरवरी तक जेल में रहेंगे।

रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मामले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया । इस दौरान रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट ने कवासी लखमा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। कवासी लखमा  4 फरवरी तक जेल में रहेंगे। ED के वकील ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि, लखमा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं ऐसे में उन्हें जेल भेजा जा सकता है।

कोर्ट में ED के वकील ने लखमा पर आरोप लगाए कि, उनका नाम इस शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जांच में उनका सहयोग करना जरुरी है। लेकिन पूछताछ में वे सहयोग नहीं कर रहे हैं। वकील ने आगे कहा कि, पूछताछ में लखमा सहयोग नहीं करेंगे तो उनको जेल भेजना पड़ सकता है। वहीं अब न्यायिक रिमांड ख़त्म होने के बाद लखमा को 4 फ़रवरी तक जेल भेज दिया गया है।

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ED ने लखमा पर लगाए गंभीर आरोप 

ED का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं ED ने यह भी कहा कि, शराब नीति बदलने में कवासी लखमा की महत्वपूर्ण भूमिका है।जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। यही नहीं ED ने बताया कि, लखमा को आबकारी विभाग में हो रहे घोटाले की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने इसे रोकना मुनासिब नहीं समझा।

आवाज उठाने पर जेल भेज रही सरकार- लखमा 

मंगलवार को कोर्ट से बाहर आते हुए लखमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, सरकार ने बहुत परेशान किया है। यह सरकार आदिवासियों की आवाज को बंद कर रही है। ये नगरनार को बेचने जा रहे हैं और अबूझमाड़ में सेना बैठा रहे हैं। इसके लिए आवाज उठाने पर डबल इंजन की सरकार जेल में डाल रही है। जो हो रहा है वो गलत हो रहा है। आगे उन्होंने कहा कि,  मेरे घर में एक रुपए तो क्या फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। मैं 6-6 बार चुनाव जीता हूं। मैंने विधानसभा में सवाल उठाए थे, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही ED आ गई।

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