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राजिम तीर्थराज की ये दो तस्वीरें इन दिनों चर्चा में है। लक्ष्मण झूला वाली तस्वीर को पैरी नदी का हिस्सा कहा जाता है। जो श्री राजीव लोचन मंदिर से श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर को जोड़ता है।

श्यामकिशोर शर्मा-राजिम। राजिम तीर्थराज की ये दो तस्वीरें इन दिनों चर्चा में है। लक्ष्मण झूला वाली तस्वीर को पैरी नदी का हिस्सा कहा जाता है. जो श्री राजीव लोचन मंदिर से श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर को जोड़ता है। यहां पानी कुछ साफ है जहां लोग नहाते है निस्तारी करते है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु, पर्यटक और सैलानी इसी पैरी के धार में न केवल डुबकी लगाते है। 

बल्कि पिकनिक का आनंद भी कमोवेश यही लेते है। एक तरह से नदी का यह भाग काफी साफ-सुथरा रहता है। परंतु एनीकट के नीचे नदी का यह दूसरा हिस्सा महानदी कहलाता है। जिसका बहुत ही बुरा हाल है। इसकी सफाई के लिए शासन-प्रशासन स्तर में जब तक ध्यान नही दिया जाएगा। तब तक यह स्थिति बनी रहेगी। हालांकि, अभी बारिशकाल है। साफ-सफाई किया नहीं जा सकता। सबको इस बात का इंतजार रहेगा कि, नदी में आने वाली बाढ़ किस हद तक इसे बहाकर अपने साथ ले जाएगी। 

लक्ष्मण झूला
लक्ष्मण झूला

राजिम को प्राप्त है पर्यटन स्थल का दर्जा 

यह सभी को मालूम है कि, पूरे छत्तीसगढ़ में राजिम का महत्व एक प्रयागराज के रूप में है। लोग बहुत ही श्रद्धा और आस्था लेकर भगवान श्री राजीव लोचन और कुलेश्वरनाथ महादेव के दर्शन को आते है। इसे वे पुण्यधरा मानते हुए पवित्र स्नान करते है। लेकिन नदी के हालात को देखते हुए इसे पवित्र और साफ-सुथरा बनाए रखने की जवाबदारी शासन-प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोगों का भी है। क्योंकि नदी से स्नान के बाद हर श्रद्धालु सबसे पहले मंदिर में भगवान श्री राजीव लोचन का दर्शन करने पहुंचते है। वैसे भी राजिम को पर्यटन स्थल का दर्जा प्राप्त है। यहां आकर लोग सुखद अनुमति का अहसास करते है।


 

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