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धीरे-धीरे बस्तर की तस्वीर बदल रही है। अब बस्तर का नैसर्गिक सौंदर्य पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। कांगेर धारा में लोग बैंबू राफ्टिंग का आनंद ले रहे हैं और यहां के जंगलों से लोगों का सुंदर गीत भी सुनाई दे रही है।

जीवानंद हलधर - जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर के झीरम घाटी में 2013 में नक्सलियों ने खूनी खेल खेला था। इस घटना में कई जनप्रतिनिधि और उनकी सुरक्षा में तैनात जवान शहीद हुए थे। घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल था, लेकिन धीरे-धीरे समय बदलता गया और इसके साथ ही बस्तर की तस्वीर भी अब बदल रही है। 

अब बस्तर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। यहां के जंगलों से गोलियों की आवाज नहीं बल्कि गीत सुनाई दे रही है। जिले का मंझिपाल गांव अपने नैसर्गिक सौंदर्य और बैंबू राफ्टिंग के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां पर लोग बेखौफ होकर पहुंच रहे हैं और प्रकृति की गोद में भरपूर आनंद ले रहे हैं। 

बंबू राफ्टिंग और कायकिंग का लुत्फ उठा रहे पर्यटक 

कांगेर धारा में आए पर्यटक बैंबू राफ्टिंग और कायकिंग का लुत्फ उठा रहे हैं। चुमदारस रास को संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व के 55 टूरिज्म में पहचान दिलाई थी। अब धूड़मारास के बाद मंझिपाल भी सुन्दर पर्यटन क्षेत्र के रुप में विकसित हो रहा है। वहीं दूर दराज से आने वाले पर्यटक कायकिंग और बैंबू राफ्टिंग का आनंद लेते हुए गीत गाते हुए नजर आ रहे हैं। 

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