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मार्कफेड के रिकार्ड में सोसाइटियों के पास 43 हजार 302 मीट्रिक टन धान नजर आ रहा है, लेकिन मौके पर यानी उपार्जन केंद्र में धान की मात्रा बची नहीं है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले खरीफ सीजन में न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीदे गए धान का हिसाब- किताब अब दिलचस्प और गंभीर हो गया है। दरअसल मार्कफेड के रिकार्ड में सोसाइटियों के पास 43 हजार 302 मीट्रिक टन धान नजर आ रहा है, लेकिन मौके पर यानी  उपार्जन केंद्र में धान की मात्रा बची नहीं है। कुछ सोसाइटियों में दो हजार मीट्रिक टन धान बचा है, लेकिन वह भी सड़कर खराब हो चुका है। जिन सोसाइटियों में यह धान है, उनसे वसूली का आदेश दिया गया है। राज्य में पिछले खरीफ सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 149.92 मीट्रिक टन धान खरीदा गया था।

नियम के हिसाब से खरीदे गए धान को सोसायटी यानी उपार्जन केंद्र से 72 घंटे के भीतर उठान यानी परिवहन कर ले जाना है। ये धान संबंधित जिले के मिलरों को या मार्कफेड के संवाहण केंद्रों को भेजा जाना था, लेकिन धान के मामले में गंभीर लापरवाही ये हुई कि समय पर धान का परिवहन नहीं कराया जा सका। सोसाइटियों में महीनों तक धान पड़ा रहा। इस दौरान कई जिलों में बेमौसम बारिश से धान खराब हुआ। फरवरी के बाद अप्रैल से जून के बीच भीषण गर्मी से धान में सूखत आई। कुल मिलाकर स्थिति ये बनी की सरकारी रिकार्ड में धान की मौजूदगी बनी रही। लेकिन मौके से धान गायब हो गया। कुछ जिलों की सोसायटियों में दो कुल मिलाकर दो हजार मीट्रिक टन धान बचा मिला, लेकिन वह भी सड़कर इतना खराब हो चुका है कि वह मिलिंग के लायक नहीं बचा। 

इन जिलों की सोसाइटी रिकार्ड में है धान

खाद्य विभाग के अंतर्गत मार्कफेड के रिकार्ड में जिन जिलों की सोसाइटियों (उपार्जन केंद्रो) में धान की मात्रा बची दिख रही है. उनका ब्योरा इस प्रकार है- बस्तर, बीजापुर, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, सारंगढ़ बिलाईगढ़. बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान- गंडई, मोहला-मानपुर अंबागढ़ चौकी, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सरगुजा जिले शामिल है। 

पौने तीन हजार उपार्जन केंद्रों की जांच

राज्य में धान खरीदी के लिए बनाए गाए 2 हजार 739 उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी, उपार्जन केंद्रों में बची धान की मात्रा की जांच की जा रही है। अब तक दो हजार से अधिक उपार्जन केंद्रों की जांच पिछले हफ्ते तक हो चुकी है। मार्कफेड के एमडी रमेश शर्मा ने बताया कि जिन उपार्जन केंद्रों में धान की कमी पाई जा रही है. उससे संबंधित जिलों में कलेक्टरों द्वारा पुलिस में एफआईआर करवाई जा रही है। अब मुंगेली, कर्वधा, बिलासपुर समेत कुछ अन्य जिलों में एफआईआर हो चुकी है। बाकी मामलों में प्रक्रिया चल रही है।

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