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लता सिन्हा 20 साल पहले तर्री गांव की सरपंच रह चुकी हैं। इस बार फिर से गांव वालों ने उन्हें सरपंच चुना है। अब वे स्थानीय विधायक की मदद से गांव को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। 

श्यामकिशोर शर्मा- नवापारा-राजिम। नवापारा शहर से लगे तर्री ग्राम पंचायत में दूसरी बार सरपंच बनीं लता सिन्हा अपने इस गांव को विकास की दौड़ में काफी आगे ले जाना चाहती हैं। उनका मानना है कि, रायपुर जिले के तमाम ग्राम पंचायतों में तर्री का नाम अव्वल नंबर पर दर्ज हो ऐसा मानकर वे दिलो जान से काम कर रही हैं। बता दें कि, 20 साल पहले वे अपने इस गांव की सरपंच रह चुकी हैं और जब दोबारा इस बार फिर से चुनाव लड़ी तो पूरे गांव वालों ने उन्हें हाथों हाथ भारी बहुमत से जिताकर फिर से गांव की बागडोर सौंप दी।

तर्री एक तरह से नवापारा शहर का हिस्सा माना जाता है, हालांकि यह अलग ग्राम पंचायत है। श्री कुलेश्वर शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति जब हुई तो इस शहर में जगह अभाव के चलते तर्री मैदान में जगह दी गई और आज आलीशान कॉलेज तर्री के भूमि में चल रहा है। इस महिला सरपंच का कहना है कि, जब गांव में कॉलेज है तो लड़कियों के लिए कन्या हाईस्कूल भी होना ही चाहिए। क्योंकि लड़कियों को हाईस्कूल पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ रहा है, जबकि कॉलेज गांव में है। वे इस संबंध में गांव के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ क्षेत्र के विधायक इंद्रकुमार साहू से आग्रह करेंगी और शासन स्तर पर मंजूरी दिलाने के लिए प्रयास करने को कहेंगी।

गांव में हास्पिटल बनवाने की मंशा

इसके अलावा गांव की जनसंख्या 6000 को देखते हुए अस्पताल की महती आवश्यकता है। अभी वर्तमान में ईलाज के लिए नवापारा जाना पड़ता है। हालांकि नवापारा शहर दूर नहीं है, फिर भी यदि गांव में अस्पताल हो जाए तो यहां के गरीबों को इसका भरपूर लाभ मिलेगा। वे कहती हैं कि, इस गांव के बहुत सारे गरीब परिवार 40 साल से गांव के एक छोर में छोटे-छोटे झोपड़ी बनाकर, टीन टप्पर कपड़े का पाल-पर्दा लगाकर रह रहे हैं। इन्हें पट्टा दिलाने के लिए उनका भरपूर प्रयास होगा। इसके अलावा जिन समाजों का यहां भवन नही है उनकी मांग पर उन्हें जमीन देकर सामुदायिक भवन की स्वीकृति के लिए विधायक इंद्रकुमार से आग्रह करेगी। 

तर्री आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में पहचाना जाए, यही इच्छा : लता सिन्हा 

सरपंच लता सिन्हा ने कहा कि, वे तर्री को आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में बनाना चाह रही है। गांव के जिस हिस्से में बिजली खंभा नही है वहां खंभे लगाए जाएंगे। पूरे बस्ती के खंभे में एलईडी लाईट से रोशन की जाएगी। कुछेक बिजली के खंभों को हटाकर बदला जाएगा। शहर के तर्ज पर शानदार गार्डन का निर्माण किया जाएगा। सीसी रोड बनाई जाएगी और गांव के सभी तालाबों का कायापलट किया जाएगा ताकि ग्रामवासियों को निस्तारी के लिए कोई समस्या न हो। बताया कि वे बहुत ही जल्द गांव के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ सांसद बृजमोहन अग्रवाल और विधायक इंद्रकुमार साहू से मुलाकात कर यहां की मांगों और आवश्यकताओं को सामने रखेंगी। 

तालाब में मोटर बोट चलाने की योजना

गांव के आखिरी छोर में 40 एकड़ जमीन में जो तालाब है उसे सरोवर के रूप में निर्माण कराएंगी जहां मोटर बोट चलाने की योजना बनाई जा रही है। पेयजल के लिए गांव में दो टंकी है। तीसरे टंकी के निर्माण के लिए शासन से मांग करेंगी। ताकि गांव में पानी की समस्या बिल्कुल न रहे। सीसी रोड के साथ ही नालियों का विस्तार किया जाएगा। कहा कि मतदाताओं ने जिस विश्वास के साथ उन्हें गांव का बागडोर सौंपा है उसमें खरा उतरने का पूरा प्रयास करेगी। कोई भी व्यक्ति कभी भी पंचायत में और घर में आ सकते है। पंचायत से संबंधित सारे काम तत्काल की जाएगी। किसी को भी भटकने नही दिया जाएगा। 

pond deepening work

चल रहा है तालाब गहरीकरण का काम

जिले का यह सौभाग्यशाली गांव कहें कि, यहां इन दिनों तालाब गहरीकरण का काम पिछले 26 मार्च से चल रहा है। जिसमें 248 मजदूर काम कर रहे है। इन मजदूरों को 243 रुपए के हिसाब से भुगतान होगा। इस तालाब के लिए 7 लाख 60 हजार रूपए की स्वीकृति मिली है। इसके अलावा अमृत सरोवर तालाब के लिए 16 लाख 80 हजार रूपए, राजीव गांधी तालाब के लिए 8 लाख 80 हजार रूपए, सुभाष तालाब के बाजू डबरी धरसा निर्माण के लिए 8 लाख 80 हजार रूपए और नकटा तालाब के लिए भी 8 लाख 80 हजार रूपए की स्वीकृति मिली है। रोज सुबह 6 बजे रोजगार सहायक सुखीराम साहू, मेट प्रेमिन ध्रुव, सुषमा साहू, नरेन्द्र देवांगन, शेखर विश्वकर्मा, हरीश कोसरे, कमलनारायण साहू मजदूरों के साथ तालाब गहरीकरण काम में पहुंच जाते है। निरीक्षण के लिए खुद सरपंच लता-लखन लाल सिन्हा एवं जनपद सदस्य वर्षा-संतोष मिश्रा भी मौजूद रहते हैं।

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