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मानसून का इंतजार हर किसी को है। कई गांवों में ट्रांसफार्मर के डिब्बे खुले अवस्था में नजर आ रहे हैं। बिजली विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। 

छन्नू खंडेलवाल - मांढर। मानसून का इंतजार हर किसी को है। सब अपने-अपने तरीके से जतन करने में लगे हुए हैं। ताकि बरसात में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना हो, लेकिन बिजली विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। ट्रांसफार्मर में लगाए गए डिब्बे खुले में है। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। विभाग ने इनमें दरवाजे भी लगाए गए हैं। लेकिन दरवाजे को बंद नहीं किया गया है। आमसिवनी बिजली फील्ड के अंतर्गत ज्यादातर ट्रांसफार्मर खुले में पड़े हैं। घरों के आस - पास लगे हुए हैं। 

सड़क पर झूल रहे बिजली के तार किसी अनहोनी को न्योता दें रहा है। बिजली का करंट रहवासियों के लिए दुर्घटना का सबब बना हुआ है। इसे लेकर विद्युत विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। ग्राम बरबंदा के स्वामी आत्मानंद स्कूल के सामने गेट पर ट्रांसफार्मर के नीचे बिजली के डिब्बे खुले में पड़े हैं। स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते - जाते रहते हैं। ऐसे में कभी कोई हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेदारी कौन लेगा।  वहीं घूमते आवारा मवेशी के लिए सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है।

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सड़क पर लटक रहा बिजली का तार

पेड़ों की टहनियों की नहीं हो रही है काटई

दरअसल, आमसिवनी बिजली फील्ड के अंतर्गत 1 महीने पहले मानसून मेंटेंस के नाम पर 8 घंटे तक बिजली बंद की थी । उसके बाद भी पेड़ों की टहनियां कटाई नहीं हुई है। ग्राम टेकारी के यादराम साहू के घर के सामने घरेलू लाइन पेड़ों कि टहनियों से घिरे हुए। आंधी तूफान बारिश से बिजली के तारों से चिंगारी निकलती है। और बिजली बंद हो जाती है। इसकी शिकायत कई बार अधिकारी को कर चुके हैं। उसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा ग्राम नेऊरडीह में बिजली के तारों को बदला नहीं जा रहा है। तार काफी पुराना हो चुका है और जर्जर होकर टूट रहे हैं।

 

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