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रायपुर के पंडरी में सायबर ठग ने एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 58 लाख रुपये ठग लिए। जिसके बाद महिला ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडरी में सायबर ठग ने एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 58 लाख रुपये ठग लिए। जिसके बाद महिला ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज करवाई। जिसके बाद पुलिस ने राजनांदगाव से जसविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है और 9.50 लाख रुपये जब्त किया है। आरोपी ने अपने गिरोह के साथ मिलकर mvs लक्ष्मी नामक महिला से 58 लाख रुपए की ठगी की थी। वहीं आरोपी का बेटा दिल्ली में बैठकर शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करता है। आरोपी हरमीत सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम रवाना हो गई है। 

मिली जानकारी के अनुसार, प्रार्थीया एमवीएसएस लक्ष्मी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि, अज्ञात मोबाइल ठगों ने खुद को क्राइम ब्रांच मुंबई पुलिस का होना बताया। उन्होंने उससे कहा कि, तुम्हारे आधार कार्ड से 311 बैंक अकाउंट खोले गए हैं। जिससे पीड़िता डर गई और ठगों ने उसे 24 घंटे तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल में जुड़े रहने के लिए बोलकर डिजिटल अरेस्ट कर 58 लाख रुपए की ठगी कर ली। रिपोर्ट पर थाना पंडरी(मोवा) में अपराध क्रमांक 305/24 धारा 318(4), 3(5) बीएनएस पंजीकृत कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई।

 9.50 लाख रुपये, बैंक खाता, चेक बुक और मोबाइल जब्त

आईजी अमरेश मिश्रा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रेंज साइबर थाना रायपुर को तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी करने और ठगी की रकम होल्ड जप्त करने के संबंध में निर्देश दिया। उनके निर्देशानुसार कार्यवाही करते हुए रेंज साइबर थाना रायपुर द्वारा प्रकरण में संलिप्त सभी आरोपियों की पहचान कर घटना में शामिल आरोपी जसविंदर सिंह साहनी पिता दिलबाग सिंह साहनी उम्र 58 वर्ष राजनंदगांव को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी के पास से 9.50 लाख रुपए, बैंक खाता, चेक बुक, मोबाइल जब्त किया गया है। 

ऑनलाइन ठगी के नए- नए पैंतरे निकाल रहे ठग 

आपको बता दें कि, साइबर ठग ऑनलाइन ठगी के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए झांसे में लेकर लोगों से रुपये भी मांग रहे हैं। हाल ही में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें ठगों ने खुद को पुलिस वाला बताकर ठगी की कोशिश की है।

जाने कैसे हो रही पुलिस के नाम से ठगी 

आरोपी खुद को पुलिस, कस्टम, आयकर और ट्राई जैसे विभागों का अधिकारी बताकर साइबर ठग उच्च शिक्षित लोगों को वीडियो कॉल के जरिये अरेस्ट भी कर रहे हैं। झूठी कहानी बताकर बचने के लिए पूरे समय वीडियो कॉलिंग में जुड़े रहने बोलकर पीड़ित पर पूरे समय नजर रखते हैं। डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए पैसों की मांग करते हैं। 

बच्चों को हिरासत में लेने की बात कहकर कर रहे वसूली

साइबर ठग अभिभावकों को कॉल करके उनके बेटे-बेटियों के हिरासत में होने की बात कहकर धमकाते हैं। वह खुद को पुलिस या कस्टम अफसर बताकर बात करते हैं और ड्रग, सेक्स रैकेट जैसे मामले में बच्चों को पकड़ने की बात कहते हैं। हिरासत से रिहा करने के बदले परिजनों से रुपये मांगे जाते हैं। ऐसे लोगों को खासतौर पर निशाना बनाते हैं जिनके बच्चे दूसरे शहरों में रहकर पढ़ाई या नौकरी करते हैं। पुलिस का नाम सुनकर परिजन घबरा जाते हैं और जाल में फंस जाते हैं। 

खुद को अफसर बताकर पीड़ितों से ठगी की कोशिश 

साइबर ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर मुकदमे दर्ज कराने वाले लोगों से आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रुपये की मांग भी कर रहे हैं। पुलिस के बड़े अधिकारियों के सोशल मीडिया अकाउंट के क्लोन बनाकर भी लोगों को ठगने की कोशिश हो रही है। 

ठगी को देखते हुए रायपुर पुलिस जनता से ये अपील की है 

1. बच्चों को हिरासत में लेने की कॉल आए तो पहले बच्चे या उसके साथियों को कॉल करके सुनिश्चित करें कि क्या मामला है? ऑनलाइन रुपये न दें।

2. डिजिटल हिरासत की स्थिति बने तो ठगों की कॉल डिस्कनेक्ट कर तत्काल पुलिस को सूचना दें। 

3. मुकदमों में कार्रवाई और आरोपी को पकड़ने की बात कहकर रुपये मांगने की कॉल आए तो स्पष्ट मना कर दें।

4. अनजान वीडियो कॉल न उठाएं। क्योंकि न्यूड वीडियो बनाकर ठगी के मामले बढ़े हैं, इनसे सावधान रहें।

5. रात में सोते वक्त मोबाइल पर इंटरनेट बंद करना भी ठगी से बचाता है। 

6. किसी नए लिंक पर क्लिक न करें, आपकी निजी जानकारी ठगों को मिल सकती है। 

7. किसी को ओटीपी न बताएं, बैंक संबंधी डिटेल न दें।

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