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मुख्यमंत्री ने राजिम कुंभ मेले की वेबसाइट लांच की, कुंभ पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। भगवान राजीव लोचन पर आधारित लाइट एंड साउंड शो का प्रदर्शन भी हुआ। 

श्यामकिशोर शर्मा- राजिम। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की धरती और प्रभु श्रीराम का ननिहाल है। राजिम कुंभ की शुरूआत डॉ. रमन सिंह की मुख्यमंत्रित्व काल में हुई थी। पिछले पांच वर्षों की इसका स्वरूप कुछ बिगड़ गया था। इस वर्ष कुंभ का आयोजन 10 गुना भव्यता के साथ हो रहा है। राजिम कुंभ के फिर से भव्य आयोजन से छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है और राजिम कुंभ का वैभव एक बार फिर लौटा है।

 उन्होंने कहा कि कुंभ में शामिल होने आए साधु-संतों के आशीर्वाद से राज्य में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी श्रद्धालुओं को राजिम कुंभ के आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने मोदी जी की गारंटी पर भरोसा किया हम उसे पूरा करने के लिए लगातार फैसले ले रहे हैं। किसानों को बहुत जल्द धान बिक्री की अंतर की राशि मिलेगी। 

सीएम ने गिनाए काम

महतारी वंदन योजना का लाभ मिलना शुरू होगा। पात्र विवाहित महिलाएं आगे भी फार्म भरकर महंतारी वंदन योजना का लाभ ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी के गारंटी के अनुरूप में अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन कराने के लिए हमनें श्री रामलला दर्शन योजना प्रारंभ की है, जिसमें हर वर्ष हजारों लोगों को अयोध्या धाम का  दर्शन कराया जाएगा। 5 मार्च को रायपुर से इस योजना की पहल ट्रेन अयोध्या के लिए रवाना होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राजिम कुंभ मेले की वेबसाइट लांच की और राजिम कुंभ पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में भगवान राजीव लोचन पर आधारित लाइट एंड साउंड शो का प्रदर्शन किया गया। हमने कैबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास बनाने का निर्णय लिया है। किसानों को दो वर्ष के बकाया धान बोनस के रूप में 3716 करोड़ रूपए की राशि उनके खाते में अंतरित कर दी गई है। 24 लाख 72 हजार किसानों को धान बिक्री की अंतर की राशि के रूप में 13 हजार करोड़ रूपए देंगे। 

साधु-संतों की अमृतवाणी से ही सफल होता है कुंभ : बृजमोहन

धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजिम कुंभ के भव्य आयोजन के साथ-साथ इस साल का कुंभ रामोत्सव राजिम कुंभ के नाम से आयोजित करने की अनुमति दी है। साधु-संतों के आगमन और आशीर्वाद से कुंभ सफल होता है। मातृशोक के कारण मेरा शरीर मंच पर नहीं है, पर मेरी आत्मा एक महीने से यहीं है। पिछले 20 सालों में सबसे भव्य कुंभ इस बार हो रहा है। राजिम कुंभ तब तक पूरा नहीं होता जब तक साधु संत नहीं आते। साधु संतों की अमृतवाणी से ही यह राजिम कुंभ कल्प सफल होता है। पूरे देश में चार कुंभ के होते हैं, ये चार कुंभ तो 12 साल में एक बार होते हैं, लेकिन राजिम कुम्भ कल्प पहला कुंभ है जो हर साल होता है। 

यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी संगम : सांसद साहू

सांसद चुन्नीलाल साहू स्वागत भाषण देते हुए कहा कि राजिम केवल तीन नदियों का संगम नहीं है। तीन जिलों और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का भी संगम है। महामंडलेश्वर यतिन्द्रानंद गिरी जी महाराज ने कार्यक्रम में कहा कि पांच वर्ष बाद राजिम कुंभ भव्य और दिव्य स्वरूप में दिख रहा है। भारत सहित पूरी दुनिया में इस समय सनातन संस्कृति का पुर्नजागरण हो रहा है। शिव महापुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि उनका पहली बार राजिम आना हुआ है। यहां का नजारा देखकर लगा कि यह प्रयागराज और हरिद्वार से कम नहीं है। राजिम के कंकर-कंकर में भगवान श्री शिव बसे हुए हैं। माता जानकी द्वारा स्थापित शिवलिंग यहां कुलेश्वर महादेव के रूप में विराजमान है। कार्यक्रम में सांसद चुन्नीलाल साहू, विधायक रोहित साहू, इंद्र कुमार साहू, संपत अग्रवाल, पूर्व विधायक रूप कुमारी चौधरी, चंद्रशेखर साहू और अमितेश शुक्ला सहित अनेक जनप्रतिनिधि और देशभर से आए साधु-संत तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पंडित प्रदीप मिश्रा

राजिम के कण-कण में बसे हैं शंकर : पंडित प्रदीप मिश्रा 

पंडित प्रदीप मिश्रा ने राजिम कुंभ में संत समागम के अवसर पर जानकी जयंती पर कहा राजिम के कण कण में शंकर बसे हैं। यह पवित्र भूमि है बीड़ा उठाया था बृजमोहन अग्रवाल जी ने संतो को राजिम में लाने का, विश्वभर में राजिम कुंभ की महिमा को पहुंचाने वाले पत्रकार हैं मिडिया वाले हैं। हर एक जनमानस के दिल में राजिम कुंभ बसा है। जहां जहां से राम गए वहां राम वनगमन पथ बनाया गया हैं। शासन द्वारा, जिस पथ से श्री राम गए वहां शिव के मंदिर जरूर हैं। यहां पर माता जानकी ने स्वयं शिवलिंग का निर्माण किया आज भी वह कुलेश्वर के रुप में राजिम में हैं। हर समस्या का हल एक लोटा जल हैं,जल चढ़ाते समय एक लोटा जल में बहुत बल होता हैं सौभाग्य से आज सोमवार हैं और मै यहां राजिम में, हमे बढते धर्मांतरण को रोकना है। प्रतिदिन एक लोटा जल चढ़ाएं और शिव की भक्ति पर विश्वास करे हर समस्या का हल होगा।

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