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भू-अर्जन की प्रक्रिया को पूरा करने के पहले ही निर्देश दिए जाते हैं, पीडब्ल्यूडी महकमे में मची लाल फीताशाही के चलते किसानों को मुआवजा दिए बगैर ही सड़क का निर्माण किया।

राजनांदगांव। राज्य शासन द्वारा सड़क निर्माण के पहले भू-अर्जन की प्रक्रिया को पूरा करने के पहले ही बार-बार निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन राज्य के पीडब्ल्यूडी महकमे में मची लाल फीताशाही के चलते किसानों को मुआवजा दिए बगैर ही सड़क का निर्माण किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के भरेंगांव का है, जहां मुआवजा नहीं मिलने से नाराज एक किसान ने सड़क के बीच में ही बेरियर लगाकर यातायात बाधित कर दिया है। 

मिली जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी महकमे ने भरेंगांव से झोला गांव तक बिना मांग के ही 1800 मीटर की एक सड़क बना दी है, जहां इस सड़क का निर्माण किया गया है। वहां न तो कोई आबादी है और न ही ग्रामीणों ने सड़क को लेकर कोई मांग की थी। किसी रसूखदार को फायदा पहुंचाने के लिए पीडब्ल्यूडी महकमे ने शासन की करीब पौने तीन करोड़ रुपए की राशि खर्च कर दी है। सूत्रों ने बताया कि एक साल पहले ही इस सड़क का काम पूरा हुआ है। किसान द्वारा मुआवजे की लगातार मांग की जाती रही, लेकिन पीडब्ल्यूडी महकमे के अफसरों ने कोई सुनवाई नहीं की। इसी बीच गांव के किसान के निजी जमीन पर बगैर अनुमति और शासकीय प्रक्रिया के सड़क का निर्माण हो गया। किसान को सड़क बनने के बाद भी जब मुआवजा नहीं मिला तो उसने सड़क पर ही बेरियर लगाकर यातायात अवरुद्ध कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि किसान ने कई माह से सड़क में बेरियर लगाकर रखा हुआ है, लेकिन पीडब्ल्यूडी महकमे के अफसर इसे हटाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं। अफसरों को इस बात का भय है कि यदि बेरियर हटाने वे गांव पहुंचे तो किसान मुआवजे के लिए घेर नले। 

सालभर में उखड़ी सड़क

करीब पौने तीन करोड़ रुपए की लागत से बनी दो किलोमीटर के सड़क निर्माण कार्य में भी पीडब्ल्यूडी महकमे के अफसरों ने जमकर भर्राशाही की है। यही कारण है कि एक साल के भीतर ही सड़क से डामर गायब हो गया है और सड़क महों में तब्दील हो चुकी है।

जहां जरूरत वहां काम नहीं

भरेंगांव के ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ने ऐसी जगह सड़क बना दी है, जहां आबादी ही नहीं है। भरेगांव मुख्य मार्ग की हालत खराब हो चुकी है। ग्रामीणों ने कई बार अफसरों से इस सड़क को बनाने की मांग भी की, लेकिन उन्होंने कोई रूचि नहीं दिखाई।

मुआवजे के कारण नहीं

पीडब्ल्यूडी के एसडीओ पीके सिंघानिया ने बताया कि,  इस मामले में किसान मुआवजा नहीं मांग रहा है, बल्कि वहां उसकी केले की बाड़ी है। इसी कारण किसान ने बेरियर लगाया हुआ है। विभाग ने उसे हटाने कहा है।

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