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जमीनों की गाइड लाइन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट 31 मार्च को समाप्त हो रही है। इसके छूट समाप्त होने से किसानों को अधिग्रहीत जमीन के मामले में अधिक राशि मिलेगी। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय दी गई जमीनों की गाइड लाइन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट 31 मार्च को समाप्त हो रही है। भाजपा सरकार इसे इसे खत्म करेगी। इसके छूट समाप्त होने से किसानों को अधिग्रहीत जमीन के मामले में अधिक राशि मिलेगी और राज्य सरकार के खजाने में करीब 800 करोड़ रुपए का राजस्व अधिक आएगा। वित्तमंत्री ओपी चौधरी का कहना है कि इससे राजस्व बढ़ेगा साथ ही किसानों को लाभ होगा।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2019 में कैबिनेट की बैठक में जमीन की सरकारी कीमत यानी कलेक्टर गाइडलाइन (बाजार दर) 30 फीसदी कम करने का फैसला किया गया था। यह छूट 31 मार्च 2024 तक लागू थी। लेकिन अब मौजूदा सरकार ने इस छूट की अवधि को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी है। इसका मतलब ये है कि अब 30 जमीनों की रजिस्ट्री निर्धारित मूल्य के अनुसार होगी।

सरकार के खजाने में आएंगे 800 करोड़ : ओपी

वित्त मंत्री ओपी चौधरी के अनुसार लाइन दरों में छूट समाप्त होने से सरकार के खजाने में हर साल रजिस्ट्री से 800 करोड़ रूपए ज्यादा आएंगे। यह ऐसे की जितनी कीमत बाजार गाइड लाइन में दर्ज है उसी हिसाब से बिक्री के समय पंजीयन शुल्क लगेगा। इसकी वजह से सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। श्री चौधरी का कहना है कि इससे किसानों को लाभ होगा और सरकार के खजाने में अतिरिक्त राजस्व आएगा।

किसानों को मिलेगा फायदा

गाइड लाइन की दरें बदलने किसानों को लाम इस तरह होगा। जिन किसानों को 4 लाख मुआवजा मिलना था उन्हें अब तक उन्हें केवल 2.80 लाख ही मिल रहे थे, अब 4 लाख मिल सकेंगे।
 

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