रायपुर। रबी फसल के लिए इस बार किसानों को अनाज, दलहन एवं तिलहन के बीजों के लिए ज्यादा दाम चुकाने होंगे। बीज निगम ने बीज विक्रय की जो दरें तय की हैं, उसके मुताबिक किसानों को पिछले साल के मुकाबले 30 से 40 प्रतिशत तक ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि सभी फसलों की कीमतों में समर्थन मूल्य बढ़ने के साथ ही अन्य कारणों से विक्रय मूल्य में इजाफा हुआ है। बीजों का सहकारी समिति, कृषि विभाग या बीज निगम के माध्यम से विभिन्न फसलों का प्रमाणित या आधार बीजों का निर्धारित शासकीय मूल्य पर वितरण किया जाता है।
बीजों का शासकीय मूल्य रबी सीजन में राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा जारी किया गया है। एमडी बीज निगम डॉ. सरांश मित्तर ने बीजों के शासकीय दरों निर्धारण का परिपत्र जारी कर दिया है। किसानों को इसी फिक्स रेट में बीज वितरण किया जाता है। प्रमाणित या आधार बीज किसानों को 2 प्रकार से वितरण किया जाता है। किसानों को बीज निगम से मिलन वाले बीजों में अलसी का का बीज 9765 रुपए प्रति क्विंटल की दर से विक्रय किया जाना है। पिछले साल इसकी कीमत 6500 रुपए प्रति क्विंटल थी, इसकी दर में 3255 रुपए की वृद्धि हुई है। वहीं कुसुम के बीज की दर 8760 रुपए प्रतिक्विंटल निर्धारित की गई है, जो पिछले साल के मुकाबले 2476 रुपए अधिक है। पिछले साल इसकी कीमत 6284 प्रति क्विंटल थी। किसानों की मिलने वाली मूंगफली के बीज की कीमत 10795 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। पिछले साल यह किसानों को 8500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से विक्रय किया गया था।
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दो प्रकार के बीजों का वितरण
प्रमाणित या आधार बीज ही किसानों को वितरण किया जाता है। पहला 10 वर्षों का कम समय और दूसरा 10 वर्षों से अधिक समय का। अगर कोई बीज 10 वर्षों से कम का है, तो इसका मतलब उस किस्म को विकसित किए अभी 10 वर्ष पूर्ण नहीं हुआ है। जिन प्रमाणित बीज 10 वर्षों से अधिक का है, इसका मतलब उस किस्म को विकसित हुए 10 वर्षों से अधिक समय हो चुका हो। अगर कोई किसान बीज उत्पादन कार्यक्रम में भाग लेना चाहतें हैं, तो उनका 10 वर्षों से कम अवधि का आधार बीज या प्रमाणित C-1 बीज उगाना पड़ता है।
बीजों का शासकीय मूल्य रबी
फसल का नाम | किस्म का नाम | कृषकों को विक्रय दर (रु.) / क्विंटल |
गेहूं ऊंची किस्म | सभी किस्में | 3910 |
गेहूं बौनी किस्म | 10 वर्षों से कम | 3670 |
गेहूं बौनी किस्म | 10 वर्षों से अधिक | 3870 |
चना | 10 वर्षों से कम | 8665 |
चना | 10 वर्षों से अधिक | 9085 |
मटर | सभी किस्में | 9550 |
मसूर | सभी किस्में | 10900 |
मूंग | सभी किस्में | 11500 |
उड़द | सभी किस्में | 12500 |
तिवडा | सभी किस्में | 6120 |
सरसों | सभी किस्में | 7770 |
अलसी | सभी किस्में | 9765 |
कुसुम | सभी किस्में | 8760 |
मूंगफली | सभी किस्में | 10795 |
ऐसे तय होती हैं दरें
बीज उत्पादन करने वाले किसानों किसानों को सभी दलहन-तिलहन फसलों में समर्थन मूल्य से 800 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त रकम मिलती है एवं अनाज वाली फसलों में 500 रुपये प्रति क्विंटल अधिक राशि दी जाती है। बीज उत्पादन कार्यक्रम में भाग लेने के बाद फसल को बीज निगम में ही बेचा जाता है और वहीं से भुगतान किया जाता है। किसानों के बीज को समर्थन मूल्य से अधिक पर खरीदी करने के बाद बीज निगम द्वारा इसमें अन्य दरों को जोड़कर नया रेट तय किया जाता है।