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कई बार सरकारी कर्मचारी सरकारी संपत्ति को अपनी मान बैठते हें। उन्हें लगता है कि, सरकारी संपत्ति की हेरफेर का हिसाब कोई नहीं मांगने वाला। लेकिन कभी-कभी यही सोच भारी पड़ जाती है। 

अनिल उपाध्याय- सीतापुर। सरगुजा के सीतापुर नगर में पेयजल आपूर्ति के लिए नगर पंचायत द्वारा सालों पहले खरीदी गई पानी टंकियों में से तीन पानी टँकी रहस्यमय तरीके से गायब हैं। इन गायब टंकियों के बारे में अनुमान लगाया जा रहा है कि, इन्हें गुपचुप तरीके से बेच दिया गया है। जिसे नगर पंचायत के कर्मचारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया है। ये तीनों पानी टंकी नगर पंचायत से कब और किसके इशारे पर गायब हुईं, ये फिलहाल जाँच का विषय है। 

इधर टंकियों के गायब होने की मौखिक जानकारी मिलने पर एसडीएम जांच करने नगर पंचायत पहुँचे। जहाँ जाँच के दौरान अधिकारी कर्मचारियों से पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिससे नाराज एसडीएम ने पानी टंकी खरीदी से जुड़े सारे दस्तावेज तीन दिन के अंदर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

नगर पंचायत के पास 15- 16 टंकियां थीं 

विदित हो कि, नगर में पेयजल आपूर्ति की सुविधा बहाल करने नगर पंचायत द्वारा जरूरत के हिसाब से पानी टंकी की खरीदी गई थी। जिसका लंबे समय तक उपयोग के बाद अनुपयोगी होने पर खड़ी कर दिया जाता था। उसकी जगह नगर पंचायत नई पानी टंकी खरीद लेता था। जिसमे कई पानी टंकी विधायक एवं पार्षद मद से खरीदे गए थे। इस तरह नगर पंचायत में नया पुराना मिलाकर 15 से 16 पानी टंकी हो गई थी। जिसमे पांच से छः पानी टंकी उपयोगी थीं, जिनका उपयोग नगर में पेयजल आपूर्ति के अलावा शादी विवाह के अवसर पर किया जाता था। इसके अलावा अन्य जो पानी की टंकी थीं वो उपयोग के अभाव में बेकार पड़ी हुई थीं। ऐसी कुल आठ-दस पानी टंकी थीं जो बेकार पड़े कबाड़ हो रही थीं। इसी बेकार पड़ी पानी टंकी में से तीन टंकियां रहस्यमय तरीके से गायब बताई जा रही हैं। 

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ऐसे हुआ मामले का खुलासा

यह बात खुलकर तब सामने आई जब प्रशासन एवं नगर पंचायत द्वारा प्रतीक्षा बसस्टैंड में दुकान सीलबंदी की कार्यवाही की गई थी। इस कार्यवाही से उस शख्स का भी दुकान सीलबंद हो गया थी, जिसने इस मामले का भंडाफोड़ किया है। दुकान सीलबंद होते ही उस शख्स ने नगर पंचायत से तीन नग पानी टंकी गायब होने की बात उजागर कर दी। यह बात उजागर होते ही नगर में तीन नग पानी टंकी गायब होने की चर्चा जोर शोर से होने लगी। लोगों ने इस बात की जानकारी विधायक रामकुमार टोप्पो एवं एसडीएम रवि राही को भी दे दी। 

विधायक नहीं पहुंचे, एसडीएम को मिले गोल-मोल जवाब

जिसके बाद विधायक सच्चाई जानने नगर पंचायत जाने वाले थे। किंतु क्षेत्र के दौरे में होने के कारण वो नहीं आ सके। इस बारे में मौखिक जानकारी के बाद एसडीएम रवि राही नगर पंचायत कार्यालय पहुँचे, जहाँ उन्होंने सीएमओ एवं कर्मचारियों से इस मामले की जाँच के दौरान पूछताछ की। पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से एसडीएम नाखुश नजर आए। उन्होंने पानी टंकी खरीदी से जुड़े दस्तावेज तीन दिन के अंदर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।ताकि दस्तावेज के आधार पर जाँच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा सके।

ट्रैक्टर एवं पानी टंकी खरीदी के नहीं है पर्याप्त दस्तावेज

नगर पंचायत द्वारा खरीदे गए ट्रैक्टर एवं पानी टंकी का कार्यालय में पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। सालों पूर्व हुई खरीदी से जुड़े दस्तावेज संधारण करने की कोशिश किसी ने नहीं की। जिसकी वजह से नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी ट्रैक्टर एवं पानी टंकी खरीदी के संबंध में पुख्ता जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। इसी बात का फायदा उठाते हुए नगर पंचायत से अनुपयोगी पानी टैंकर को गायब कर दिए गए। अब एसडीएम द्वारा तीन दिन के अंदर मांगे गए दस्तावेज जुटाने में अधिकारी कर्मचारी के हाथ पांव फूल रहे हैं।

कुछ तो गड़बड़ है- एसडीएम

इस मामले में जांच करने जिद एसडीएम रवि राही ने बताया कि, मामला काफी संगीन है। जाँच के दौरान मेरे द्वारा पूछताछ में अधिकारी कर्मचारी गोलमोल जवाब देते नजर आए। जिससे इस बात को बल मिलता है कि, पानी टंकी को लेकर नगर पंचायत में कहीं न कहीं गड़बड़ है। मेरे द्वारा तीन दिन के अंदर दस्तावेज मंगाए गए हैं। जिसके बाद इस मामले में आगे की कार्यवाही की जायेगी।

कागजात देखने के बाद ही पता चलेगा: सीएमओ

इस संबंध में सीएमओ ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि, इस बारे में दस्तावेजों के निरीक्षण के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इसके लिए खरीदी संबंधी सारे पुराने दस्तावेज खंगालने पड़ेंगे। तब कहीं जाकर इस मामले में गलत- सही का पता चलेगा।

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