अनिल सामंत -जगदलपुर। बर्ड फ्लू संक्रमण से बस्तर अंचल में एक फिर बार लोगों में दहशत का माहौल बना है। पशुु चिकित्सा विभाग अंचल के समूचे जोन को निगरानी के दायरे में लेकर सघन जांच अभियान चलाया रहा है। सयुंक्त संचालक पशु चिकित्सा डॉ नेताम के निर्देश पर जिला और ब्लॉक स्तर और टीम का गठन किया गया है। यह टीम दूसरे प्रांत से बस्तर पहुंचने वाले मुर्गे-मुर्गियों, चूजों को जांच के बाद शहर में प्रवेश दिया जा रहा है। चार-पांच दिनों से सर्विलांस टीम समूचे जिले को निगरानी में लिया है, लेकिन राहत वाली बात है कि,अब तक एक भी बर्डफ्लू के मामले सामने नही आया है।
बता दें कि, शहर में 2012 में 13 साल पहले शासकीय कुकुट पालन प्रक्षेत्र में बर्डफ्लू का संक्रमण फैला था। उस दौरान शासकीय कुकुट फॉर्म के ही लगभग 5 हजार मुर्गा-मुर्गियां और चूजों को नष्ट किया गया था। सर्विलांस टीम के चिकित्सकों, विक्रेता और लोगों को एहतियात बरतने निर्देश दिए गए है। बाहर से आने वाले पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद की होगी जांच के बाद ही पोल्ट्री वाहनों को शहर ने प्रवेश दिया जा रहा है।
रैपिड रिस्पॉन्स टीम का किया गठन
प्रदेश के रायगढ़ जिले मे बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि होने के बाद भारत शासन के निर्देशानुसार बर्डफ्लू रोग नियंत्रण और रोकथाम संबंधी दिशा-निर्देश का पालन किया जाना है। कलेक्टर हरिस एस के निर्देशानुसार पर सयुंक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं की ओर से जिले में पशुधन और पक्षियों में बीमारियों के रोकथाम के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है। वहीं बाहर से आने वाले पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद का जांच सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
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व्यवसायिक पोल्ट्री भी निगरानी
सयुंक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने जारी आदेश में कहा है कि, बर्डफ्लू रोग पक्षियों का संक्रामक और घातक रोग है, जिससे बैकयार्ड पोल्ट्री पालक और पोल्ट्री व्यवसायों को अत्यधिक हानि होता है। यह रोग मनुष्यों को भी संक्रमित करता है। राज्य के सीमा पार से बर्ड फ्लू रोगपक्षियों में असामान्य बीमारी और मृत्यु पर सतर्क रहने के निर्देश जारी किया है।इसके साथ ही बैकयार्ड पोल्ट्री और व्यवसायिक पोल्ट्री भी निगरानी रखने कहा गया है। बैकयार्ड पोल्ट्री और व्यवसायिक पोल्ट्री से जुड़े सभी लोगों को पक्षियों में असामान्य बीमारी और मृत्यु की सूचना तुरंत निकटतम पशु चिकित्सा संस्था में देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
भारत सरकार के गाइड लाइन पर जांच
भारत सरकार के गाइड लाईन्स के अनुसार, पक्षियों में असामान्य बीमारी होने पर सतर्क रहें। मृत्यु के लिए बर्ड फ्लू रोग के प्रवेश रोकने संबंधी तैयारी और सतर्कता संबंधी कार्ययोजना का अक्षरशः पालन करें। उन्होंने बताया कि, भारत सरकार के गाईड लाईन्स में दिए गए सैम्पल साईज का पालन करते हुए रोग उदभेद की स्थिति से निपटने आवश्यक उपकरण, रसायन और पीपीई किट तैयार रखा जाए।
शासकीय और निजी पोल्ट्री फार्म केंद्र से जैव सुरक्षा के नमूने लिए जा रहे
जिले के शासकीय और निजी पोल्ट्री फार्म, पोल्ट्री प्रक्षेत्र, पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्र इत्यादि में जैव सुरक्षा के सभी नमूने एकत्र कर राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर को प्रस्तुत करें। सामग्री विक्रय करने वाले बाजार, पोल्ट्री मार्केट, चेन सप्लाई एरिया, बतख पालन प्रक्षेत्र और जंगली और अप्रवासी पक्षियों के इलाकों में विशेष निगरानी रखें। बर्ड फ्लू रोग के नियंत्रण और रोकथाम सम्बन्धी कार्यों का प्रतिवेदन नियमित तौर पर प्रस्तुत किया जाए।
वन विभाग से समन्वय स्थापित
बर्डफ्लू रोग के नियंत्रण की दिशा में वन विभाग से समन्वय त्स्थापित किया गया। अप्रवासी पक्षियों के देखे जाने वाले क्षेत्र जैसे, नैशनल पार्क, राष्ट्रीय अभ्यारण्य, पोखर, झील को चिन्हांकित कर उन इलाकों के समीप पोल्ट्री पॉपुलेशन सर्वलांस और सेरो सर्वलांस के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल करें। बर्डफ्लू रोग के लक्षण बचाव के विषय में प्रचार-प्रसार कर पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को जानकारी दें।