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राज्य सरकार ने तबादले के बाद ज्वाइन न करने पर बड़ा फैसला लेते हुए राज्य प्रशासनिक सेवा के 11 अधिकारियों को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया है।

रायपुर। राज्य सरकार ने तबादले के बाद ज्वाइन न करने पर बड़ा फैसला लेते हुए राज्य प्रशासनिक सेवा के 11 अधिकारियों को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया है। 3 जनवरी, 17 जनवरी और 23 जनवरी को राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला किया था। इनमें से तीन महीना गुजर जाने के बाद भी 11 अधिकारियों ने अपने नए कार्यस्थल पर ज्वाईनिंग नहीं दी थी। इनमें स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के पीएस संजय मरकाम भी शामिल हैं। राज्य सरकार को इस बारे में शिकायत मिली तो आज सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी 11 अधिकारियों को एक तरफा रिलीव कर दिया। 

सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने आदेश में लिखा है कि नवीन पदास्थापना स्थल पर ज्वाईनिंग कर अनिवार्य रूप से विभाग को सूचित करें। रिलीव होकर अफसरों को नई पदस्थापना में 27 मार्च तक ज्वाइन करना होगा। जिन अधिकारियों को एक तरफा कार्यमुक्त किया गया है उनमें प्रकाश चंद्र कोरी सामान्य प्रशासन विभाग से उप संचालक खेल एचं युवक कल्याण विभाग रायपुर, भूपेंद्र अग्रवाल अपर कलेक्टर बालौदाबाजार-भाटापारा, संजय कुमार मरकाम ओएसडी स्वास्थ्य मंत्री को संयुक्त कलेक्टर सूरजपुर, अमित कुमार श्रीवास्तव डिप्टी कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को जशपुर रूचि शार्दुल डिप्टी कलेक्टर कोरबा को कबीरधाम, नीरनिधि नंदेहा डिप्टी कलेक्टर जांजगीर-चांपा को बलरामपुर-रामानुजगंज, आकांक्षा नायक डिप्टी कलेक्टर कबीरधाम को कोंडागांव, पीयूष तिवारी डिप्टी कलेक्टर बिलासपुर को धमतरी, अपूर्व प्रियेश टोप्पो उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रायपुर, अपर कलेक्टर रायगढ़, वेदनाथ चंद्रवंशी क्षेत्रीय उपायुक्त भू-अभिलेख बिलासपुर को डिप्टी कलेक्टर बलरामपुर रामानुजगंज, नेहा भेडिया उपायुक्त भू-अभिलेख नया रायपुर को डिप्टी कलेक्टर गरियाबंद में पदस्थ किया गया था।

पटवारी के पति रिश्वत लेते हुए नजर आये , राजस्व ने किया सस्पेंड

वहीं बुधवार को बलौदाबाजार जिले में किसान से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। टुंडरा तहसील में महिला पटवारी रितेश तंवर और उनके अनौपचारिक सहायक, जो उनके पति बताए जा रहे हैं। उन पर किसानों से फार्मर आईडी बनाने के लिए 500 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें सहायक किसान से पैसे लेते नजर आ रहा है। 

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बता दें कि, किसान फार्मर आईडी बनवाने पटवारी के पास गया था. क्योंकि, इसके बिना वे जमीन के रिकॉर्ड में सुधार और सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं। इसे बनवाने के लिए किसान को पटवारी के पास जाना पड़ता है, लेकिन यहां उनसे अवैध वसूली की जा रही थी। वीडियो सामने आने के बाद राजस्व विभाग ने कार्रवाई करते हुए महिला पटवारी को निलंबित कर दिया है। 

कांग्रेस विधायक ने सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का लगाया आरोप 

इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक संदीप साहू ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, यह घटना तो कैमरे में आ गई, इसलिए कार्रवाई हुई। लेकिन कई मामलों में सबूत न मिलने से भ्रष्टाचार जारी रहता है। उन्होंने पहले की एक घटना का जिक्र किया, जहां तहसीलदार द्वारा दुर्व्यवहार के चलते सुहेला तहसील का एक किसान ने आत्महत्या का प्रयास किया था। लेकिन सरकार ने निष्पक्ष जांच नहीं करवाई।

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