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बिलासपुर के कोटा में वैक्सीन से दो बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने 5 सदस्यीय टीम बनाई है, जो कि, बिलासपुर पहुंच चुकी हैं।

बिलासपुर- मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कोटा में वैक्सीन से दो बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर सियासत भी गरम भी हो गई है। जहां पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी पहुंचे थे। लेकिन इस मामले में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने राज्य स्तरीय जांच पूर्ण होने तक उस बैच की वैक्सिनेशन को बंद करा दिया है। 

वैक्सीन से मौत मामले मे जिले के दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल राज्य स्तरीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब तक जांच पूर्ण नहीं हो जाती है। तब तक उस बैच के वैक्सिनेशन को रोक दिया गया है। अगर इसमें किसी की लापरवाही सामने आती है तो कठोर करवाही की जाएगी।

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दी सफाई 

इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि, बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के पटेता ग्राम के कोरिपारा आंगनबाड़ी केंद्र में 30 अगस्त को टीकाकरण सत्र आयोजित किया गया। जिसमें 8 बच्चों को उम्र अनुसार टीका लगाया गया था। अस्पताल आने के पहले 2 दिन के बच्चे जिसे BCG लगा था उसकी मृत्यु हो गई है। वहीं 31 अगस्त को 2 माह के  बच्चे जिसे penta 1 लगा था, उस बच्चे की अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मृत्यु हो गई। उसी ग्राम के 6 और बच्चों को निरीक्षण के लिए जिला अस्पताल में रखा गया है। सभी बच्चें स्वस्थ हैं और किसी भी प्रकार की शिकायत नही है।

टीकाकरण से नहीं हुई है दोनों बच्चों की मृत्यु 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आगे कहा कि, उपरोक्त दोनों बच्चों की मृत्यु टीकाकरण से नहीं हुई है। जहां तक वैक्सिन की बात है तो ज़िले में उस बैच के BCG के 5000 डोज प्राप्त हैं। जिसमें से 3000 डोज अभी तक लगाया गया है। साथ ही Pentavalent के प्राप्त 10000 में से 6000 डोज अभी तक लगाया गया है। जिसमे से कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। सम्बंधित कार्यकर्ता द्वारा उस दिन और उसके पहले लगाए गए टीके से किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। एक सितंबर को फिर SDM एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला अधिकारियों का टीम द्वारा संयुक्त भ्रमण करके सभी परिवार से संपर्क किया गया। परिजनों के द्वारा बच्चों का पोस्ट मार्टम करवाने से मना किया गया है।

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दो दिन पहले हुई थी बच्चों की मौत 

उल्लेखनीय है कि, दो दिन पहले कोटा के पटैता कोरीपारा में टीकाकरण के बाद दो नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। दो दिन पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 7 बच्चों का टीकाकरण किया गया था। शनिवार को दोनों बच्चों की मौत हो गई है। वहीं 5 बच्चों को ऑब्जर्वेशन के लिए सीएचसी में भर्ती किया गया है। मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग हडकंप मच गया है। 

गांव में 7 बच्चों को लगा टीका 

मिली जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले क्षेत्र में टीकाकरण अभियान चलाया गया। इस दौरान नवजात बच्चों से लेकर 3 साल तक के बच्चों का टीकाकरण किया गया। गांव में 7 बच्चों को टीका लगा। दोनों नवजातों को पटैता के आंगनबाड़ी केंद्र में टीका लगाया गया था। स्वास्थ्य अधिकारीयों के अनुसार दोनों नवजातों को बीसीजी और पेंटा वन का टीकाकरण कराया गया था। जिसके बाद दो बच्चों की मौत हो गई है। वहीं 5 बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑब्जर्वेशन के लिए भर्ती किया गया है। बताया जा रहा है कि, मृत बच्चों के चेहरे नीले पड़ने के कारण लोग स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण को जिम्मेदार मान रहे है। 

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