यशवंत गंजीर- कुरुद। छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव के मतदान के बाद नतीजे आने में मात्र एक दिन शेष रह गया है। जीत-हार की अटकलों के बीच प्रमुख राजनीतिक दलों एवं राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों ने वार्ड से लेकर अध्यक्ष प्रत्याशी के जीत हार के तहत वोटों का अंतर बता चर्चाओं का बाजार गर्म कर रखा है। जिसमे नगर पंचायत भखारा-भठेली में आकड़ो में कांग्रेस तो रुझानों में भाजपा की बढ़त बताई जा रही है। वहीं पार्षदों की बहुमत पर संशय बरकरार है।
बता दे कि, बीते निकाय चुनाव में अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुए चुनाव में यहां भाजपा के 14 तो कांग्रेस से एक मात्र पार्षद चुनाव जीतकर आई थी और पूर्ण बहुमत से नगर की सत्ता में भाजपा ने कब्जा किया था। इस बार प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के बीच शुरू से ही कड़ी मुकाबला रहा है। दोनों प्रत्याशी को लेकर कई माहौल व समीकरण बने जिसमे राजनीति के दृष्टिकोण से चेहरा प्रमुख रहा है। मतदान के बाद कुछ प्रत्याशियों, दोनों दलों के नेताओं व आम लोगो से चर्चा के बाद जो निष्कर्ष निकलकर सामने आई है तो यहां 6 वार्डो में भाजपा व 5 वार्डो में कांग्रेस की पार्षदों की जीत सुनिश्चित है। जबकि 4 वार्डो में कड़ी टक्कर है कौन जीतेगा कौन हारेगा इसकी समीक्षा नही हो पा रही है।
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शनिवार को आएगा परिणाम
नगर पंचायत भखारा-भठेली में कुल 5 हजार 969 मतदाताओं ने मतदान किया है। जिसमें 3 हजार 892 मतदाता भखारा और 2 हजार 77 मतदाता भठेली से है। दरअसल दो गांवों से मिलकर बनी यह नगर पंचायत में 10 वार्ड भखारा व 5 वार्ड भठेली के है। आम चर्चा में भखारा के युवा, व्यवसायी, बुद्धजीवी वर्गो ने भाजपा की ही जीत तय बताया है। जबकि भठेली में कुछ और ही बात चली है, जिसमें इस बार कांग्रेस प्रत्याशी संतोषी निषाद को जो उसके गांव से है को अध्यक्ष बनाने के लिए वहां के करीब 70 प्रतिशत लोगों ने दलगत भावना से हटकर उसे ही वोट किया होगा। अगर ऐसा संभव हो पाया हो और भखारा की आधी आबादी भाजपा और आधी आबादी कांग्रेस को वोट की होगी तब ऐसे में यहां कांग्रेस 830 के करीब वोटों से चुनाव जीत रही है। जबकि रुझानों में पता चला है कि ऐसा हो पाना संभव नही क्योंकि टक्कर कांटे की रही है।
क्या हो सकता है जीत-हार का आंकड़ा
नगर में हुए विकासकार्य, केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सत्ता होने के कारण करीब 10 प्रतिशत युवा मतदाताओं ने भाजपा का ही साथ देने की बात कही है। वहीं भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों में 30-30 प्रतिशत कार्यकर्ता और पारंपरिक वोट स्थापित है। जो एक इधर उधर नहीं हो पाएगा। बचे वोटों को अगर दोनों ही दल में विभाजित कर दे तो यहां भाजपा को 31 सौ और कांग्रेस को 2 हजार 900 के करीब वोट मिल रहा है। जिसके हिसाब से बीजेपी 200 वोटों से जीत रही है। अब यदि युवा और पारंपरिक वोटों को छोड़ कर बांकी बचे मतदाताओं में से 55 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा को वोट किया होगा तो 442 वोटों से जीत रही है। अगर इन सब के बावजूद को युवा और पारंपरिक वोटों के बाद मात्र 45 प्रतिशत ही वोट मिले होंगे तब भी वे 22 से 50 वोट से चुनाव जीत रहे हैं।
पार्षदों में किसका पलड़ा होगा भारी
ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार बात यहां वार्ड क्रमांक 1, 4, 6, 12, 13 और 15 में भाजपा प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित दिखाई पड़ी है। वहीं वार्ड क्रमांक 2, 3, 5, 10, 14 में कांग्रेस के प्रत्याशी जीत का परचम लहराने जा रहे है। बांकी बचे वार्ड क्रमांक 7, 8, 9 और 11 में कांग्रेस-भाजपा के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है किसका पलड़ा भारी रहेगा वह मतगणना के बाद ही पता चल पायेगा।