दिल्ली के शराब नीति घोटाले में AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ने वाली है। खबरों की मानें, तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ED को मंजूरी दे दी है।
दरअसल, मंत्रालय का यह फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल के बाद आया है। इससे पहले एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। पिछले साल नवंबर में एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईडी को लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने से पहले पूर्व मंजूरी लेनी होगी। वहीं जांच एजेंसी ईडी ने वीके सक्सेना को पत्र लिखकर कहा था कि इस मामले में मंजूरी दी जानी चाहिए क्योंकि केजरीवाल घोटाले के 'किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता' थे।
दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे अरविंद केजरीवाल
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि मामले में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ जांच एजेंसी का आरोप पत्र अवैध था। क्योंकि अभियोजन शिकायत दर्ज करने से पहले अधिकारियों की कोई पूर्व मंजूरी नहीं ली गई थी।
अरविंद केजरीवाल पर क्या है आरोप
बता दें कि अरविंद केजरीवाल पर आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अन्य AAP नेताओं के साथ मिलकर शराब लॉबिस्टों से रिश्वत लेने के लिए जानबूझकर नीति में खामियां पैदा कीं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें पहली बार ईडी ने 21 मार्च 2024 को अरेस्ट किया था। इसके बाद अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून 2024 को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया था। वह अभी जमानत पर बाहर है।