Delhi High Court: भारतीय जनता पार्टी के सात विधायकों की तरफ से सीएजी रिपोर्ट्स को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि स्पीकर राम निवास गोयल को निर्देश दिए जाएं कि वो विशेष सत्र बुलाकर दिल्ली सरकार की 14 सीएजी रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश करें और साथ ही इन सीएजी रिपोर्ट्स को विधानसभा के पटल पर भी रखा जाए। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में कई बार सुनवाई हो चुकी है और इसके लिए फैसला लंबित था। आज हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया है।
दिल्ली सरकार ने स्पीकर तक रिपोर्ट्स पहुंचाने में की देरी
इस मामले में फैसला सुनाते हुए जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट्स सदन में पेश करना संवैधानिक अनिवार्यता है और दिल्ली सरकार ने स्पीकर राम निवास गोयल को रिपोर्ट्स भेजने में देरी की और कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव हैं, जिसके लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में विशेष सत्र बुलाकर सीएजी रिपोर्ट पेश करना मुमकिन नहीं है। वहीं भाजपा विधायकों ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि इन कैग रिपोर्ट्स में केजरीवाल सरकार के काले चिट्ठी हैं। इनमें शराब नीति घोटाला, शिक्षा घोटाला, स्वास्थ्य मॉडल में घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड घोटाले जैसी कई रिपोर्ट्स शामिल हैं।
इन सात विधायकों ने हाईकोर्ट में दी थी याचिका
बता दें कि सीएजी रिपोर्ट्स सदन में पेश करने के लिए भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, अनिल कुमार बाजपेयी, अभय वर्मा, अजय कुमार महावर, ओम प्रकाश शर्मा और जितेंद्र महाजन ने पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने मांग की थी कि विधानसभा अध्यक्ष को कैग रिपोर्ट पेश करने के उद्देश्य से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिया जाए। हालांकि दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकीलों और अध्यक्ष द्वारा इस आदेश को पारित करने का विरोध जताया गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में कैग रिपोर्ट पेश करने की जल्दी नहीं है, विधानसभा चुनाव के बाद ये रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश की जाएंगी।
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