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Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से एक युवक को गिरफ्तार करते समय गिरफ्तारी का आधार न बताने के कारण रिहा करने का आदेश दे दिया है। कोर्ट का कहना है कि गिरफ्तारी का आधार बताना जरूरी है।

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न और जिस्मफरोशी के मामले में गिरफ्तार हुए एक शख्स की गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद आरोपी को गिरफ्तारी का आधार बताना जरूरी है, ताकि वो रिमांड या न्यायिक हिरासत का विरोध करने के लिए कानूनी मदद ले सकें। आरोपी को उसका आरोप न बताकर कानूनी प्रावधान का उल्लंघन किया गया, जिसके कारण शख्स की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया और उसे रिहा करने के आदेश दिए गए हैं। 

क्या है कानून

गिरफ्तारी के आधार से जुड़ी CRPC की धारा 50 में 'फौरन' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों में व्याख्याओं का दवाला देते हुए कहा गया कि संबंधित प्रावधान के तहत जब अरेस्टिंग ऑफिसर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करता है, तो उसे फौरन ये बताना होता है कि युवक को किस अपराध में गिरफ्तार किया जा रहा है और ये अरेस्टिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी होती है।

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क्या है आरोप

बता दें कि मौजूदा मामले में एक युवक को पिछले साल यौन उत्पीड़न और जिस्मफरोशी में शामिल संस्थान का मैनेजर होने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। गिरफ्तार करने वाले जांच अधिकारी ने उसे उसका आरोप नहीं बताया। इसके बाद उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इस पर हाल ही में हुई दिल्ली हाई कोर्ट की सुनवाई में जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने पाया कि याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने वाले जांच अधिकारी के साथ ही उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का निर्णय लेने वाले जस्टिस की तरफ से संबंधित प्रावधान का पालन करने में चूक हुई है और इसी वजह से कोर्ट ने अरेस्ट के निर्णय को अवैध करार दिया। साथ ही हाई कोर्ट की तरफ से रिमांड पर भेजने वाले आदेश को भी निरस्त कर दिया गया।

जानें पूरा मामला

वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता मार्फिंग तमांग को निर्देश दिया कि कमला मार्केट थाने में उनके खिलाफ जो मामला दर्ज है, उसकी जांच में सहयोग करें। बता दें कि तमांग को 17 मई को गिरफ्तार किया गया था और 18 मई को पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया गया था। तमांग ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। तमांग के वकील अदित एस पुजारी ने कोर्ट में दलील दी कि तमांग को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन गिरफ्तारी की वजह नहीं बताई गई। 

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