Delhi High Court: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली सरकार पर हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। CAG की कई रिपोर्ट जारी होने के बाद भी उन्हें विधानसभा में पेश नहीं किया गया, जिसको लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर संदेह जताया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले कैग की दो रिपोर्ट मीडिया में लीक हो चुकी हैं। इनमें पहली सीएम के बंगले में गलत तरीके से करोड़ों रुपए खर्च करने की रिपोर्ट और दूसरी रिपोर्ट शराब नीति मामले में सरकारी खजाने को 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान की है।
CAG रिपोर्ट पर विचार करने में देरी क्यों?
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को CAG रिपोर्ट पर विचार करने के लिए कहा था। इसके बावजूद कैग रिपोर्ट पर विचार करने में देरी हो रही है। इस पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए टिप्पणी की कि जिस तरह से दिल्ली सरकार ने अपने कदम वापस खींचे हैं, इससे उनकी ईमानदारी पर संदेह हो रहा है। आपको कैग रिपोर्ट जारी होने के तुरंत बाद स्पीकर को भेजनी चाहिए थी और फिर सदन में चर्चा शुरू करनी चाहिए थी। आपने विधानसभा सत्र बुलाने में कदम पीछे खींच लिए। इस मुद्दे पर देरी करने और एलजी के पासरिपोर्ट न भेजने के कारण आपकी ईमानदारी पर संदेह हो रहा है।
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स्पीकर के पास भेजी गईं CAG की 14 रिपोर्ट्स
हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया कि कैग रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार को स्पीकर के पास जल्दी रिपोर्ट भेजनी चाहिए थी। इसको लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कैसे सत्र बुलाकर रिपोर्ट पेश की जा सकती थी। वहीं दिल्ली सरकार ने पिछली सुनवाई में बताया था कि कैग की सभी 14 रिपोर्ट्स को स्पीकर के पास भेजा जा चुका है। इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, स्पीकर और अन्य संबंधित लोगों से जवाब मांगा है।
भाजपा ने हाईकोर्ट में याचिकी की थी दायर
बता दें कि भाजपा का कहना है कि एक दर्जन से ज्यादा सीएजी रिपोर्ट सालों से विधानसभा में लंबित हैं। लंबे समय से इन कैग रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने की मांग की जा रही है लेकिन दिल्ली सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। इसके बाद भाजपा विधायकों ने कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दी थी।
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