Greater Noida Expressway: नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर जल्द ही दो नए अंडरपास बनाए जाएंगे। इसके लिए आईआईटी रुड़की ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद प्राधिकरण के सीईओ ने भी इस पर मुहर लगा दी है। प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, ये दो अंडरपास झट्टा गांव और सुल्तानपुर गांव के सामने बनाए जाएंगे। इसके बनने से एक्सप्रेसवे के दोनों ओर आना-जाना आसान हो जाएगा। दोनों अंडरपास को बनाने के लिए जल्द टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

बताया जा रहा है कि इसके लिए लो कास्ट कंपनी को चुना जाएगा और करीब एक महीने में ही कंपनी का चयन भी कर लिया जाएगा। इस परियोजना से करीब 30 आवासीय सेक्टरों और 15 गांवों को सुविधा मिलेगी। जानकारी के मुताबिक, इसी साल मार्च में अंडरपास बनाने का काम भी शुरू किया जा सकता है, जिसे पूरा होने में करीब 6 महीने का समय लगेगा।

जानिए कहां पर बनाए जाएंगे अंडरपास?

अधिकारियों के अनुसार, पहला अंडरपास एक्सप्रेसवे पर 1600 किमी चैनेज पर सेक्टर-145, 146 155 और 159 के बीच बनाया जाएगा। इसकी लंबाई करीब 800 मीटर होगी। पहले प्राधिकरण ने इसके लिए 131 करोड़ का बजट बनाया था, लेकिन बाद में आईआईटी रूड़की ने संशोधन करते हुए इसे 117 करोड़ कर दिया है। इससे वहां के आसपास के औद्योगिक सेक्टरों-151, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159, 162 और साथ ही एक्सप्रेसवे के 9 गांवों के लोगों को फायदा होगा।

दूसरा अंडरपास सुल्तानपुर के पास एक्सप्रेसवे पर 6.10 किमी चैनेज पर तैयार किया जाएगा, जो कि सेक्टर-128, 129, 132 और 108 के बीच होगा। इसकी लंबाई करीब 731 मीटर होगी। प्राधिकरण ने इसके लिए भी 106 करोड़ का बजट रखा गया था, लेकिन आईआईटी रूड़की ने इसे कम करके 98 करोड़ कर दिया है। इस अंडरपास के निर्माण से सेक्टर-104, 105, 106, 107, 108 समेत कई सेक्टरों और 11 गांवों की राह आसान हो जाएगी।

नई तकनीक से किया जाएगा निर्माण

इस बार जो दो नए अंडरपास बनाए जाएंगे, उनके तकनीक में बदलाव किया जाएगा। पहले एक्सप्रेसवे पर कोंडली, एड्वेंट और सेक्टर-96 अंडरपास बॉक्स पुशिंग तकनीक पर बनाए गए थे, जिसमें कई बार एक्सप्रेस वे की सड़क धंसने की समस्याएं सामने आई थीं। जानकारी के अनुसार, ऐसी समस्याओं को देखते हुए अब अंडरपास के निर्माण के लिए प्राधिकरण ने डायाफ्राम तकनीक का चयन किया है।

बताया जा रहा है कि इसमें बिना खुदाई किए डायाफ्राम वॉल कास्ट की जाएगी। इसके बाद दो तरफ जमीन के अंदर यह दीवार बनाकर उसके ऊपर अंडर पास की छत ढाल दी जाएगी। इसके बाद दोनों दीवारों व छत के बीच की मिट्टी खुदाई कर निकाली जाएगी और फिर नीचे की सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसका पूरा काम प्राधिकरण द्वारा करवाया जाएगा। हालांकि निर्माण के लिए कुछ समय के लिए जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ेगा।

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