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चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही दिल्ली में आचार संहिता लागू हो गई है। इसके तहत सरकार और राजनीतिक दलों की कई गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लग गए हैं। इसके बाद से ही राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस, या मीटिंग के लिए अनुमति लेनी होती है।  

The model code of conduct in Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। सभी 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को मतगणना होगी। चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही दिल्ली में आचार संहिता लागू हो गई है। इसके तहत सरकार और राजनीतिक दलों की कई गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लग गए हैं। आइए जानते हैं चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद से लागू होने वाली क्या होती है आचार संहिता...

क्या होती है आचार संहिता?

आचार संहिता भारतीय चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियमों का एक समूह है, जिसका पालन चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। यह सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सरकारों पर लागू होता है। जो, चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है और यह चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने तक प्रभावी रहती है। इस दौरान सरकारी अधिकारियों की ट्रांसफर या पोस्टिंग जैसी गतिविधियां चुनाव आयोग की अनुमति के बिना नहीं की जा सकतीं।  

जनता पर भी लागू होती है आचार संहिता

आचार संहिता का पालन केवल राजनीतिक दलों और सरकारों पर ही नहीं, बल्कि आम जनता पर भी होता है। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है या कानूनी कार्रवाई हो सकती है। साथ ही चुनाव अभियान में कानूनी तौर पर खर्च किए गए धन का सही और अलग-अलग हिसाब रखना हर उम्मीदवार के लिए अनिवार्य है। यह प्रक्रिया जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत होती है।  

चुनाव आयोग के अहम नियम और प्रतिबंध

  1. सरकार नई योजनाओं और घोषणाओं की घोषणा नहीं कर सकती।  
  2. सरकारी संसाधनों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।  
  3. राजनीतिक दलों को रैली, जुलूस, या मीटिंग के लिए अनुमति लेनी होती है।  
  4. धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का उपयोग वर्जित है।  
  5. मतदाताओं को रिश्वत देने, शराब बांटने या अन्य प्रलोभन देने पर रोक है।  
  6. मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक है।  

नए कामों पर रोक और सख्त निगरानी
  
आदर्श आचार संहिता लागू होते ही नए सरकारी काम, टेंडर, राशन कार्ड, पेंशन फॉर्म, और आर्म्स लाइसेंस बनाने पर रोक लग जाती है। साथ ही, बड़ी बिल्डिंगों को मंजूरी नहीं दी जाती और सांसद-विधायकों द्वारा फंड जारी करना भी वर्जित है। आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग संबंधित व्यक्ति या दल के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है। इसमें चुनाव लड़ने से रोकना, FIR दर्ज करना, और दोष सिद्ध होने पर जेल भेजना शामिल है।  

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दिल्ली के 70 सीटों पर सख्त निगरानी

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 58 सामान्य श्रेणी की और 12 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। कुल 13,033 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जिनमें 210 मॉडल मतदान केंद्र होंगे। चुनाव आयोग द्वारा लागू किए गए ये नियम यह तय करते हैं कि चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। आचार संहिता लोकतंत्र के मूल्यों को मजबूत करने का काम करती है।

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