Shankaracharya in Raghav Chaddha's House: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और उनकी पत्नी एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा ने 26 अक्टूबर को अपने घर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का स्वागत किया है। जगद्गुरू शंकराचार्य उनके दिल्ली वाले घर पर पहुंचे। जहां राघव और परिणीति ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस बात की जानकारी खुद AAP सांसद राघव चड्ढा ने अपनी पोस्ट के जरिए दी है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं, जिनमें दोनों आशीर्वाद लेते नजर आ रहे हैं।
विशेष आमंत्रण पर पहुंचे जगद्गुरू
आम तौर पर शंकराचार्य किसी से मिलने उनके घर नहीं जाते, लेकिन राघव चड्ढा के विशेष आमंत्रण पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज उनके घर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कई और संत भी मौजूद थे। यहां परिणीति और राघव ने उनकी आरती उतारी और उनसे बातचीत की। शंकराचार्य ने दोनों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान परिवार के अलावा कई अन्य लोग भी मौजूद रहे। शंकराचार्य के जाने के बाद राघव चड्ढा ने इमोशनल पोस्ट की।
अहोभाग्य हमारे....मेरे घर साक्षात प्रभु हैं पधारे।🙏
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) October 26, 2024
आज मैं और परिणीति भाव विह्वल हैं, आज हमारे भाग्य के द्वार खुल गए, हम सभी धन्य हो गए।
धर्म के ज्ञाता, सनातन संस्कृति के सर्वोच्च प्रतिनिधि जोशीमठ के परमपूज्य शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी का शुभ आगमन आज हमारे… pic.twitter.com/WDy8o03TIN
कौन हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के जिले प्रतापगढ़ में आने वाली तहसील पट्टी के ब्राह्मणपुर गांव में हुआ था। उन्होंने शास्त्री और आचार्य की शिक्षा वाराणसी के मशहूर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पूरी की। इसके बाद वो छात्र राजनीति में आए। उन्होंने 15 अप्रैल 2003 को दंड सन्यास की दीक्षा ली। यहां से उन्हें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती नाम मिला। उनके गुरू स्वतंत्रता सेनानी थे। सितंबर 2022 में उनका निधन हो गया था। इसके बाद उन्हें ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य बनाया गया।
राजनीतिक बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं शंकराचार्य
वे अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। अयोध्या में बने राम मंदिर को लेकर भी उनका बयान आया था। वे 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने इस समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आधे-अधूरे राम मंदिर में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हैं। राम मंदिर को राजनीतिक रंग दिया गया है। प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए थी। मैं इसका विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं इस समारोह में शामिल नहीं होऊंगा। वहीं वे अक्सर राजनैतिक बयान भी देते रहते हैं। काफी लोगों का मानना है कि वो कांग्रेस के समर्थक हैं।