Logo
हरियाणा के मुलाना में मारकंडा नदी में पानी का स्तर 49 हजार क्यूसिक के आंकड़े को छू गया। पहाड़ों में आई भारी बारिश से रविवार रात 8 बजे मारकंडा नदी इस वर्ष का सर्वाधिक जलस्तर 10.2 फीट तक दर्ज हुआ। नदी के साथ लगते गांवों में पानी घुस गया, जिससे लोग घबराए हुए है।

मुलाना/अंबाला: पहाड़ी क्षेत्र में मानसून आफत बनकर बरस रहा है। पहाड़ी क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते मैदानी क्षेत्र से होकर गुजरने वाले अधिकतर नदी नाले ओवर फ्लो हो रहे हैं। क्षेत्र से होकर गुजरने वाली मारकंडा नदी में पानी का स्तर 49 हजार क्यूसिक के आंकड़े को छू गया। पहाड़ों में आई भारी बारिश से रविवार रात 8 बजे मारकंडा नदी इस वर्ष का सर्वाधिक जलस्तर 10.2 फीट तक दर्ज हुआ। मारकंडा नदी 49 हजार क्यूसिक पानी के साथ लहरों के साथ बह रही थी। देर रात मारकंडा नदी का जलस्तर घटना शुरू हो गया था, जो सोमवार सुबह 7.4 फीट करीब 30 हजार क्यूसिक पानी था।

फसलों को किया प्रभावित

मारकंडा नदी में आए उफान ने नदी किनारे लगते खेतों में लगाई गई धान की फसल व हरे चारे को बुरी तरह प्रभावित किया। साथ ही नदी का पानी गांवों की फिरनी तक पहुंच गया और कई जगहों पर पानी घरों में भी घुस गया। क्षेत्र के गांव जफरपुर, अल्यासपुर, ब्राह्मण माजरा, हेमामाजरा, घेलड़ी तक मारकंडा नदी के पानी ने जबरदस्त मार की। इससे खेतों में खड़ी धान की फसल कई जगहों पर पानी में डूबी हुई है। हेमामाजरा से घेलडी, तंदवाली मार्ग से खेतों से होकर सड़क पर पानी बह रहा है। इसके साथ ही गांव सोहाता व राउमाजरा में भी पानी गांव में घुस गया। यहां भी फसल जलमग्न है। क्षेत्र में किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है।

नदी में बह रहा था 6.4 फीट पानी

सोमवार शाम 5 बजे भी मारकंडा नदी में 6.4 फीट जलस्तर पर 23400 क्यूसिक पानी बह रहा था । वहीं कालाअंब से गुजर रही मारकंडा नदी में केवल 2.5 फीट जलस्तर बह रहा था। 6.4 फीट के जलस्तर पर मारकंडा नदी अपने रास्ते से बह रही थी। मारकंडा नदी में आए उफान से हेमामाजरा में सिंचाई विभाग द्वारा बनाया अस्थाई बांध का कुछ हिस्सा टूट गया, जिससे मारकंडा नदी का पानी गांव के खेतों से होते हुए हेमामाजरा गांव तक जा पंहुचा। गांव की फिरनी के पास स्थित घरों में पानी जा घुसा। मारकंडा नदी के पानी से हेमामाजरा सहित घेलड़ी, तंदवाल, राऊमाजरा, सोहाता की फसलों को भारी नुक्सान होने की संभावना है। उक्त गावों की फसलें जलमग्न हो गई है।

बांध की क्षमता कम, पानी आया अधिक

सिंचाई विभाग के एसडीओ नितिश चंदेल ने बताया कि 10.2 फीट के बाद रविवार रात से ही मारकंडा नदी का पानी घट रहा है। हेमामाजरा के अस्थाई बांध की क्षमता 38-40 हजार क्यूसिक पानी रोकने की थी, लेकिन पानी 50 हजार क्यूसिक तक आ गया। इसलिए बांध का हिस्सा टूटा गया। सामान्य स्थिति होने पर उसे दुरुस्त करने का कार्य किया जाएगा।

5379487