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हरियाणा के फतेहाबाद की बेटी रीतु का चयन असम राइफल्स में हुआ है। रीतु अब भारत- म्यांमार सीमा पर दुश्मनों से देश की रक्षा करेगी। आर्थिक तंगी से गुजरने के बावजूद रीतु ने इस मुकाम को हासिल कर दूसरों के लिए मिसाल कायम की।

फतेहाबाद: देश की रक्षा करने में बेटियों का अहम योगदान रहा है, जो देश की सीमाओं पर सजग प्रहरी की भूमिका निभा रही हैं। भूना के चंदन नगर की रितु को भी अब देश सेवा का मौका मिला है। रीतू अब भारत- म्यांमार सीमा पर दुश्मनों से देश की रक्षा करेगी। बता दें कि 18 वर्षीय रीतु का चयन असम राइफल्स (Assam Rifles) में हुआ है। रीतु ने कुश्ती, जूडो, कराटे व एथलीट में अपना दमखम दिखाकर कई मेडल जीते। 2017 में राज्य स्तरीय कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता, वहीं मध्य प्रदेश में 2019 में आयोजित कुश्ती की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीतकर अपने राज्य का नाम रोशन किया।

आर्थिक तंगी से जूझकर हासिल किया मुकाम

आर्थिक तंगी से गुजर रही रितु को उस समय झटका लगा, जब उसके पिता अपनी बेटी को उच्च शिक्षा (Higher Education) प्रदान करवाने में असमर्थ हुए। ऐसे में मां संतोष देवी के साथ दूसरों के घरों में काम करके रितु ने भूना के ही हनुमान अखाड़ा से कुश्ती की कोचिंग लेनी शुरू कर दी, क्योंकि देश सेवा का जज्बा रीतु में कूट-कूट कर भरा था। 27 अक्टूबर को होनहार बेटी ने असम राइफल्स 2024 भर्ती हेतु आवेदन किया। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छह दिसंबर को असम के नागालैंड में आयोजित शारीरिक परीक्षा को भी बेहतरीन ढंग से उत्तीर्ण कर लिया। 7 दिसंबर को शारीरिक शिक्षा का परिणाम घोषित हुआ, जिसमें रीतु का चयन हो गया।

9 माह की ट्रेनिंग के बाद ड्यूटी करेगी ज्वाइन

भारत की म्यांमार सीमा पर आतंकवाद विरोधी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रितु ने तैयारी शुरू कर दी है। पूर्वोत्तर के प्रहरी के तौर पर तैनात होने से पूर्व रितु नौ महीने की ट्रेनिंग लेगी, जिसके बाद असम राइफल में ड्यूटी ज्वाइन करेगी। वर्ष 2024 में कुल 38 पदों के लिए भर्ती निकली थी जिसमें रीतु का चयन हुआ है। होनहार बेटी की सफलता के बाद रितु की मां संतोष देवी व मौसी ने उसे मिठाईयां खिलाकर बधाई दी।

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