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हरियाणा में धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिस पर तीन गुना लाभ देने वाला त्रिपुष्कर के साथ ही लक्ष्मीनारायण योग बन रहा है। इस दिन बर्तन, सोना चांदी व संपत्ति खरीदने का शुरू योग है।

फतेहाबाद: गुरु पुष्य के बाद दीपावली से पहले खरीदारी का दूसरा महामुहूर्त धनतेरस 29 अक्टूबर को रहेगा। इस दिन खरीदारी का तीन गुना लाभ देने वाला त्रिपुष्कर के साथ ही लक्ष्मीनारायण योग भी बनेगा। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस दिन सोना-चांदी, बर्तन के साथ भूमि-भवन, इलेक्ट्रानिक सामग्री के साथ ही सभी प्रकार की चल-अचल संपति की खरीदी में निवेश लाभप्रद होगा। खरीदारों की अगवानी के लिए इस दिन की खास तैयारी शहर के बाजारों में की गई है। हालांकि इस बार दीपावली को लेकर ब्राह्मण समाज असमंजस की स्थिति में है। कुछ लोग 31 अक्टूबर को दीवाली मनाने की बात कह रहे हैं तो कुछ का कहना है कि इस बार दीवाली एक नवम्बर को है।

त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 10.31 बजे

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर को सुबह 10.31 से 30 अक्टूबर को दोपहर 1.15 बजे तक रहेगी। इस दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इसमें किए गए कार्य के प्रभाव को तीन गुना बढ़ा देता है। इस योग में शुभ कार्यों को करना उत्तम माना जाता है। साथ ही ऐसे कार्यों, जिसमें हानि संभावित हो, उन्हें करने से बचना चाहिए। इसके अतिरिक्त शुक्र पहले से वृश्चिक राशि में है, जबकि धनतेरस पर वृश्चिक राशि में बुध के आने से लक्ष्मीनारायण योग भी निर्मित होगा।

प्रदोषकाल में पूजन मुहूर्त 1 घंटा 31 मिनट

धनतेरस से पंच पर्व की शुरुआत होगी। भगवान धनवंतरि के अतिरिक्त सुख-समृद्धि के लिए धन लक्ष्मी और कुबेर का पूजन किया जाता है। इसके साथ ही अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए यम दीप दान करते हैं। लक्ष्मी-कुबेर पूजन के साथ यम दीप दान के लिए प्रदोषकाल में शाम 6.31 से रात 8.13 बजे तक 1 घंटा 42 मिनट का श्रेष्ठ समय है। प्रदोषकाल शाम 5.38 से रात 8.13 बजे तक रहेगा।

इस बार मनाई जाएगी 6 दिन की दीवाली

इस बार दीवाली 6 दिन की मनाई जाएगी। 31 अक्टूबर को प्रदोषकाल में लक्ष्मी का पूजन होगा। इसके बाद एक नवंबर को उदयातिथि में अमावस्या होगी। इसके बाद दूसरे दिन गो-पूजन होगा और भाईदूज मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धनतेरस 29 अक्टूबर को होगा। इस दिन भगवान धनवंतरि जो स्वास्थ्य के देवता हैं, उनकी पूजा की जाती है। इनकी आराधना से रोग से मुक्ति मिलती है। हालांकि, धनतेरस के दिन कुबेर देव और देवी लक्ष्मी की पूजा करने की भी परंपरा है। इस साल धनतेरस पर 100 साल बाद त्रिग्रही योग यानी त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, वैधृति योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है।

धनतेरस पर शुभ योग

धनतेरस पर पूजा और खरीदारी का विशेष लाभ मिलेगा। इस दिन बन रहे शुरू योगों में पहला इंद्र योग 28 अक्टूबर सुबह 6:48 से 29 अक्टूबर सुबह 7:48 तक होगा। इसके अलावा त्रिपुष्कर योग सुबह 6:31 से 10:31 होगा। लक्ष्मी-नारायण योग में धनतेरस के दिन वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध एक साथ विराजमान रहेंगे, ऐसे में लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा। धनतेरस पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे। जिससे शश महापुरुष राजयोग बनेगा, ऐसे में शनि की कृपा भी प्राप्त होगी।

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