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Gurugram Rao Dhaba: हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण 'रेरा' ने गुरुग्राम के पुराने राव ढाबा को हटाने का आदेश दिया गया है। रेरा की ओर से यह फैसला क्यों लिया गया,जानिये इसके पीछे की वजह क्या है।

Gurugram Rao Dhaba: हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा ट्रिब्यूनल) ने गुरुग्राम के पुराने राव ढाबा को हटाने का आदेश दिया है। रेरा की ओर से यह फैसला भूमि उपयोग के नियम का उल्लंघन करने के मामले में लिया गया है। ट्रिब्यूनल की तरफ से इसी साल 27 जनवरी गुरुग्राम के जिला नगर नियोजन (डीटीपी) के प्रवर्तन विंग को इस अनधिकृत संरचना को 90 दिन के अंदर हटाने का निर्देश देते हुए कहा था कि भूमि को उसकी मूल स्थिति में बहाल करके रिपोर्ट सौंपी जाए।

क्या है मामला ?

जानकारी के मुताबिक, इस मामले में लाल सिंह यादव नाम के व्यक्ति ने 2021 में कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने पाया  था कि यह ढाबा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) के किनारे प्रतिबंधित नियंत्रित क्षेत्र के रूप में नामित भूमि पर गैर कानूनी तरीके से बनाया गया था। जिसके तहत 'ज़ोनिंग-लॉ' का पालन नहीं किया गया था। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) राजन गुप्ता ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए कहा कि 'हरियाणा राज्य साइट को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने के लिए स्वतंत्र है।' ट्रिब्यूनल ने कहा कि अनधिकृत निर्माणों को, खास तौर पर राजमार्गों के आसपास बने रहने की परमिशन नहीं दी जा सकती।

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नियम का उल्लंघन करने पर कार्रवाई

ट्रिब्यूनल ने 18 अगस्त, 2021 के अपने पहले के आदेश को ध्यान में रखते हुए फिर से मामले की जांच की। जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने पाया कि ऐसे निर्माण भूमि इस्तेमाल के नियमों का उल्लंघन करते हैं और उन्हें हटाया जाना चाहिए। कार्रवाई के दौरान ट्रिब्यूनल की तरफ से पूछा गया कि क्या डीटीपी (प्रवर्तन) इस ढाबे को हटाने की प्रक्रिया पर स्थिति रिपोर्ट पेश करेंगे। हरियाणा रेरा ट्रिब्यूनल का यह फैसला भूमि-उपयोग कानूनों को लागू करने और राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे अनधिकृत वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को रोकने के लिए लिया गया है।

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