सीएम का ओएसडी बनकर जमाई धौंस : गुरुग्राम में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ के पास सीएम के ओएसडी वीरेंद्र का नाम बताकर धौंस दिखाने का मामला सामने आया है। आरोपी ने खंभे लगाने का काम रुकवाने की बात कही। आरोपी चंडीगढ़ में भी सरकारी कर्मचारियों पर दबाव डाल चुका है। ट्रू कॉलर पर जब चेक किया तो नाम की जगह सीएम हाउस लिखा आ रहा है। अब पुलिस में केस दर्ज करवाया गया है।
ओएसडी के पीए ने भी कही उनके पास फोन आने की बात
डीएलएफ सिटी सब डिवीजन के एसडीओ सतीश चंद ने अपने उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया तो बात सीएम हाउस तक पहुंच गई। इसके बाद ओएसडी के पीए का एसडीओ के पास कॉल आया तो वहां से बताया गया कि कोई व्यक्ति ओएसडी के नाम का दुरुपयोग कर रहा है। पीए की तरफ से जानकारी मिलने के बाद उच्चाधिकारियों के कहने पर एसडीओ ने सेक्टर 56 में कॉल करके दबाव बनाने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
अरावली क्षेत्र में लगाए जा रहे हैं बिजली के खंभे
बिजली निगम के डीएलएफ सब डिवीजन के एसडीओ सतीश चंद ने सेक्टर-56 थाना पुलिस को शिकायत देकर बताया कि उनकी तरफ से अपने सब डिवीजन क्षेत्र में अरावली के साथ लगते एरिया में बिजली के खंभे लगाने का कार्य किया जा रहा है। गर्मी आने से पहले क्षेत्र में बिजली आपूर्ति सुचारू करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इस कार्य को रुकवाने का कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं। एक अप्रैल की सुबह करीब 10:28 बजे उनके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आया और फोन करने वाले ने खुद को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का ओएसडी वीरेंद्र बताया। वीरेंद्र ने उन्हें अरावली में अवैध रूप से खंभे लगाने की बात कहकर इसे तुरंत प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। चूंकि कॉल व्हाट्सएप पर आई थी ऐसे में उन्हें कुछ संदेह हुआ।
खंभा लगाने का नहीं कोई विवाद तो फिर फोन क्यों आया
एसडीओ सतीश ने बताया कि खंभा लगाने का इतना बड़ा मामला भी नहीं था और इसे लेकर कोई विवाद भी नहीं था। ऐसे में खंभा नहीं लगाने का दबाव डालकर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का काम किया गया है। मामले में कार्यवाहक एसएचओ दिनेश ने बताया कि एसडीओ की तरफ से शिकायत प्राप्त होते ही एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। मामले की जांच की जा रही है और आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।