कैथल: गांव कसान का किसान दो एकड़ कृषि भूमि पर सब्जियों की पौध पर रिचर्स कर अपनी नर्सरी खोल चुका है। किसान रिचर्स की जानकारी भी अन्य किसानों को दे रहा है ताकि वे भी अपना नया धंधा चला सके। किसान बलजीत ने बताया कि उसके पास जींद (Jind) रोड़ पर केवल दो एकड़ जमीन है। उसने अपनी नर्सरी एक एकड़ में बनाई और एक एकड़ में अभी वह गेहूं व धान की खेती कर रहा है। उसने अपनी नर्सरी केवल आधे एकड़ से शुरू की थी। धीरे- धीरे वह अपनी सारी जमीन पर नर्सरी का कार्य शुरू करेगा। अब उसको नर्सरी से लगभग 30 से 40 हजार रुपए प्रति महीने की कमाई हो रही है।

विभिन्न रंग के टमाटर

युवा किसान बलजीत ने बताया कि अब तक वह कई सब्जियों की पौध तैयार कर चुका है, जिसमें काला टमाटर, बेल वाला टमाटर, सफैद बैंगन, ब्रोंकली व सींग वाली गोभी, गांठ वाली गोभी आदि पर रिचर्स कर चुका है। टमाटर पहले छोटे- छोटे पौधे पर लगाया जाता था, परन्तु उसने खोज कर अब बेल वाले टमाटर की पौध तैयार की है। इस टमाटर की बेल को घिया, तोरी की तरह ऊपर भी चढ़ाकर लम्बे समय तक टमाटर का उत्पादन किया जा सकता है। अभी तक टमाटर एक ही रंग के देखे होंगे, परन्तु उसने काले टमाटर की पौध भी तैयार की है।

एक पौध से प्राप्त की दो सब्जियां

किसान बलजीत ने बताया कि उसने एक पौधे से दो सब्जियां प्राप्त की है। पौधे के नीचे वाले भाग में बैंगन तथा उसके ऊपर वाले भाग में टमाटर लगते है। बार- बार पौध लगाने से छुटकारा पाने के लिए उसने दो वर्ष पूर्व बैंगन के पौधे लगाये थे और अब वे बढ़ कर 8 फुट ऊंचा पेड़ बन गया है। उससे आगे भी सात- आठ वर्ष तक बैंगन की सब्जी प्राप्त की जा सकती है। इसकी ऊंचाई भी 20 से 25 फुट तक हो जाएगी। इसी प्रकार अधिक फल देने वाले अमरुद तथा मुवानियां गन्ने की पौध भी तैयार की है।

छह फीट की तैयार की घिया

बलजीत ने बताया कि बाजार में इस समय केवल दो तीन फुट लम्बी घिया मिलती है, परन्तु उसने पांच से छह फुट लम्बी घिया के बीज तैयार किए है। वह कभी भी कीट नाशक दवाईयां व खाद नहीं डालता और केवल देसी केंचुये की खाद पर पौध तैयार करता है। सब्जियां अधिकतर वर्षा (Rain) के पानी पर निर्भर रहती है, इसके लिये उसने तीस गुणा बीस का 14 फुट गहराई वाला तालाब बनाया है, जिसमें वह वर्षा का पानी एकत्र करता है और सब्जियों में देता है। उसकी मां बनबोरी के नाम से नर्सरी जींद रोड पर ढाबे के पास है। वह केवल पौध या बीज ही तैयार करता है।