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हरियाणा के नारनौल में बखरीजा माइंस की खान नंबर दो में पत्थर स्लाइडिंग होने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया, जबकि मृतक के परिजनों ने बिना कानूनी कार्रवाई करवाए शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

नारनौल: धौलेड़ा क्षेत्र में तिरुपति विनियोग प्राइवेट लिमिटेड की चल रही बखरीजा माइंस की खान नंबर दो में पत्थर स्लाइडिंग होने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। मृतक मजदूर की पहचान राकेश उर्फ ढिल्लू वासी गांव बोहका थाना कनीना के रूप में हुई। जबकि घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक मजदूर के परिजनों ने कोई पुलिस कार्रवाई करने की बजाए शव को गांव में ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना से प्रशासन में हड़कंप मच गया, जबकि जिला खनन अधिकारी राजेश सहरावत ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया।

मशीनों में डीजल डालने उतरे थे मजदूर

जानकारी अनुसार बखरीजा में तिरुपति विनियोग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की खान नंबर दो खुदाई चल रही है। वीरवार शाम को करीब साढ़े पांच बजे ब्लास्टिंग करने वाली मशीनों में डीजल तेल डालने के लिए पिकअप गाड़ी से तीन मजदूर खान में उतरे थे। आईआर नामक मशीनों में तेल डालने उपरांत जब वह गाड़ी से वापस आ रहे थे, तब पहाड़ में स्लाइडिंग हो गई और पिकअप करीब 25-30 फुट गहराई में गिर गई। इसी स्लाइडिंग के दौरान एक भारी पत्थर लुढ़कर उस पिकअप पर जा गिरा, जिसमें मजदूर फंसे थे। इससे पहाड़ में हा हा कार मच गया और फंसे लोगों का निकालने के लिए अन्य मजदूर दौड़ पड़े।

लोहे की बेल से हटाए पत्थर

पत्थर हटाने एवं गाड़ी को उठाने में पहले मजदूरों ने रस्सों का प्रयोग किया, लेकिन वह टूट गए। बाद में लोहे की बेलों से पत्थरों को हटाकर दबे मजदूरों को निकाला। तब तक करीब डेढ़ दो घंटे का समय बीत चुका था और अंधेरा हो चुका था। मजदूरों को निकालने के लिए फॉयर ब्रिगेड एवं पुलिस को भी मजदूरों ने सूचित कर दिया, लेकिन देरी से सूचना देने के चलते मजदूरों को पहले ही बाहर निकाल लिया गया। घायल मजदूरों को उपचार के लिए निजी अस्पताल नारनौल ले जाया गया, जहां उन्हें भर्ती कर लिया गया। घायलों में विमलेश गांव अकबर शाहपुर, तहसील मेजा जिला प्रयागराज यूपी तथा एक अन्य शामिल है।

मृतक का नहीं कराया पोस्टमार्टम

हादसे में कमाल की बात यह देखने को मिली कि मरे मजदूर राकेश उर्फ ढिल्लू का उसके परिजनों ने पोस्टमार्टम नहीं कराया और न ही पुलिस को शिकायत दी। बताया जाता है कि राकेश की मौत घटनास्थल पर ही गाड़ी एवं पत्थर के गिरने से मौके पर ही हो गई थी और परिजनों ने शव को गांव लाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। मृतक करीब 27 वर्षीय एवं अविवाहित था। इस मामले में यह भी सामने आया है कि सूचना मिलने पर निजामपुर थाने से एसएचओ गोबिंद राम गांव बोहका भी गए और पुलिस कार्रवाई के लिए शव का अंतिम संस्कार करने से भी परिजनों को रोकना चाहा, लेकिन परिजनों ने उन्हें अपने बयानों में कोई पुलिस कार्रवाई करवाने से साफ इंकार दिया।

जिला खनन अधिकारी ने किया दौरा

हादसे की सूचना मिलने पर निजामपुर थाना इंचार्ज गोविंदराम व जिला माइनिंग अधिकारी राजेश शेहरावत ने मौका मुआयना किया। उन्होंने घटना का जायजा लेकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी। जानकारी के अनुसार बखरीजा के पहाड़ को खनन के लिए लीज पर छोड़ा गया है। पत्थर की क्वालिटी अच्छी होने के कारण लीज होल्डरों ने 300/400 फीट गहराई तक खनन करना आरंभ किया हुआ है। बीती देर रात माईंस पर पत्थर खनन हो रहा था, इस दौरान संचालक को आईआर मशीनों में तेल खत्म होने की सूचना मिली। उन्होंने तीन कारिंदों को तेल के ड्रम देकर माईंस में भेज दिया। पोपलेंड में तेल भरने के बाद तीनों कर्मचारी खदान से बाहर निकल रहे थे। इसी दौरान स्लाइडिंग हो गई।

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