नारनौल: ऑनलाइन फ्रॉड सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि पुलिस समेत विभिन्न प्रचार माध्यमों से सरकार भी डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) रोकने के प्रयास कर रही है। लेकिन लोगों में अब भी जागरूकता की कमी है, जिसके कारण आए दिन ऐसी घटनाएं उजागर हो रही हैं। शहर के वार्ड नंबर एक में स्थित गांव ढाणी किरारोद अफगान निवासी सुमित सैनी ने करीब 15 लाख रुपए डिजिटल अरेस्ट के तौर पर गंवा दिए। पीड़ित ने मामले में पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की।
पार्सल में ड्रग्स बताकर झांस में लिया
ढाणी किरारोद अफगान निवासी सुमित सैनी ने बताया कि 10 अगस्त को एक अनजान मोबाइल नंबर से उसके पास कॉल आई। कॉल पर बोले रहे अज्ञात व्यक्ति ने उससे कहा कि तुम्हारा पार्सल कैंसिल हो गया है। यदि इसकी जानकारी लेना चाहते हैं तो एक दबाएं। इस बारे में और जानकारी लेने पर एक अन्य व्यक्ति ने बात करते हुए बताया कि उसके आधार की आईडी का प्रयोग करके कोई पार्सल बाहर भेजा रहा है, उसमें कुछ इलेक्ट्रोनिक्स का सामान व ड्रग्स मिले हैं। आरोपी ने बताया कि उसे नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) मुंबई से बात करके पीसीसी सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा। फिर उसने उसे वहीं से एनसीबी में कनेक्ट किया।
वीडियो कॉल कर बैंक खाता नंबर मांगा
पीड़ित सुमित ने बताया कि वीडियो कॉल पर एक पुलिस अफसर ने बात की और बैंक खाते का विवरण मांगा। आरोपी ने बताया कि बैंक खाता में करवाई हुई 15 लाख रुपए की एफडी ऑनलाइन वेरीफाई करवानी पड़ेगी। इसके बाद 12 अगस्त को उसके पास आरोपी की फिर कॉल आई और बताया कि एफडी वेरीफिकेशन के लिए 15 लाख रुपयों की आरटीजीएस ट्रांजेक्शन करनी पड़ेगी। 15 मिनट में वेरीफाई करके आपके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। उसके बताए अनुसार एक्सिस बैंक नारनौल में जाकर बैंक खाता से एसबीआई बैंक (SBI Bank) खाता में 15 लाख रुपए भेज दिए, जो वापस नहीं आए। तब उसे धोखाधड़ी होने का एहसास हुआ। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ डिजिटल अरेस्ट का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।