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Anil Vij: हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने सोमवार को एक्स पर सवाल पोस्ट शेयर करते हुए अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता उनके विरोध में काम कर रहे थे।

Haryana Politics: हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज लगातार अपनी सरकार और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को सीएम नायब सैनी और आशीष तायल की तस्वीरें सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर सवाल उठाए हैं। हरियाणा के गब्बर माने जाने वाले अनिल विज ने लिखा कि आशीष तायल खुद को नायब सैनी का परम मित्र बताते हैं और उनकी बहुत सी तस्वीरें भी सैनी के साथ फेसबुक पर मौजूद हैं। लेकिन, उनके समर्थक विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रतिद्वंदी उम्मीदवार के साथ खड़े थे। उन्होंने पूछा कि यह रिश्ता क्या कहलाता है। 

अनिल विज ने शेयर किया वीडियो

अनिल विज ने एक्स पर वीडियो भी शेयर किया, जिसमें नीचे गद्दार भी लिखा हुआ था। विज ने नायब सैनी पर निशाना साधते हुए लिखा कि आशीष तायल के साथ विधानसभा चुनावों के दौरान जो कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं, वही कार्यकर्ता बीजेपी की विरोधी उम्मीदवार चित्रा सरवारा के साथ भी नजर आ रहे हैं।

आगे अनिल विज ने सवाल पूछते हुए लिखा कि ये रिश्ता क्या कहलाता है, क्योंकि आशीष तायल आज भी नायब सैनी के परम मित्र बने हुए हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ मुखालफत किसने करवाई यानी कि उन्हें भाजपा प्रत्याशी का विरोध करने के लिए किसने मजबूर किया।

बता दें कि अनिल विज अंबाला कैंट विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस सीट पर भाजपा से अनिल विज, कांग्रेस से परविंदर पाल चुनावी मैदान में थे। लेकिन मुख्य मुकाबला अनिल विज और निर्दलीय प्रत्याशी चित्रा सरवारा के बीच देखने को मिला। शुरुआत में चित्रा सरवारा लगातार कई राउंड तक आगे रही थी, लेकिन आखिरी चरणों में वापसी करते हुए अनिल विज ने जीत हासिल कर ली थी। परविंदर पाल का आरोप था कि भूपेंद्र हुड्डा ने आखिरी वक्त तक चित्रा सरवारा के पक्ष में बैटिंग की, जिसकी वजह से परविंदर पाल हार गए। वहीं अब अनिल विज ने भी सवाल पूछा है कि चित्रा सरवारा को भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मजबूत किसके इशारे पर किया गया।  

अनिल विज पहले भी कर चुके हैं विरोध

हाल ही में अनिल विज ने सरकार के खिलाफ एक और बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके आदेशों का पालन नहीं किया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में भी नहीं जाएंगे। इसके अलावा विज ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उन्हें अपने विधानसभा के लोगों के काम के लिए जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह आमरण अनशन पर भी बैठना पड़ेगा, तो वह करेंगे। बता दें कि अनिल विज ने इस नाराजगी में जनता दरबार भी लगाना बंद कर दिया है।

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