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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ब्रिटिश शासन के समय से किसानों को नहरी पानी की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला आबियाना समाप्त करने का निर्णय लिया। एक अप्रैल से घोषणा को लागू किया जाएगा।

Haryana: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले साढ़े 9 सालों में हरियाणा के किसानों के हितों व उनके कल्याण के प्रति वचनबद्धता का परिचय देते हुए नित नई-नई योजनाएं चलाकर किसानों का उत्थान किया है। एक बार फिर राज्य सरकार ने किसानों के हितों में बड़ा ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ब्रिटिश शासन के समय से किसानों को नहरी पानी की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला आबियाना समाप्त करने का निर्णय लिया। एक अप्रैल से घोषणा को लागू किया जाएगा। इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। इस घोषणा से 4299 गांवों के किसानों को 140 करोड़ रुपए का एकमुश्त लाभ होगा। साथ ही, 54 करोड़ रुपए की वार्षिक राहत भी मिलेगी।

प्रदेश में आज तक नहीं किया था आबियाना समाप्त

उल्लेखनीय है कि हरियाणा के इतिहास में आज तक कभी भी आबियाना को खत्म नहीं किया गया। साल दर साल यह आबियाना चलता आ रहा था। पहली बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने आबियाना बंद करने का कदम उठाया है। इस एतिहासिक फैसले से सरकार ने ब्रिटिश शासन से चली आ रही परंपरा को खत्म करते हुए किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया।

इन जिलों में बकाया था आबियाना

सीएम ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 के अनुसार, प्रमुख जिलों की सूची में जिला हिसार में 349 गांवों के 31.23 करोड़ रुपए का आबियाना बकाया है। इसी प्रकार, कैथल के 320 गांवों के 19.90 करोड़ रुपए, भिवानी के 417 गांवों के 17.13 करोड़ रुपए, सिरसा के 395 गांवों के 12.48 करोड़ रुपए, झज्जर के 157 गांवों के 6.94 करोड़ रुपए, चरखी दादरी के 229 गांवों के 6.09 करोड़ रुपए और नूंह के 171 गांवों के 5.98 करोड़ रुपए का आबियाना बकाया है। सरकार के फैसले से अब इन गांवों के किसानों को आबियाना नहीं देना होगा। आबियाना खत्म होने से अब किसानों को सीधे तौर पर लगभग 140 करोड़ रुपए का लाभ होगा।<

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