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राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि हरियाणा में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल जिम्मेदार है। प्रदेश का मुखिया की अपराधों को बढ़ावा दे रहा है तो अपराध कैसे रूकेंगे।

Hisar : राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा नारनौंद हलके में सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जिम्मेदार हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपराधियों को ललकारते हुए कहा था कि या तो वे अपराध छोड़कर मुख्य धारा में आ जाएं या हरियाणा छोड़ दें, अन्यथा बख्शे नहीं जाएंगे। जबकि, वर्तमान मुख्यमंत्री खट्टर कहते हैं कि मैं हर व्यक्ति को सुरक्षा नहीं दे सकता। उन्होंने तो अपने कार्यकर्ताओं को लठ्ठ उठाने की सीख दे डाली और एक सभा में कहा कि लट्ठ उठा लो, जेल जाने से मत डरो, नेता बनकर निकलोगे। जब प्रदेश का मुखिया ही ऐसी बयानबाजी कर रहा हो, जिससे अपराधियों का हौसला बढ़े, तो फिर अपराध कैसे रुकेंगे।

2014 तक विकास के पथ पर अग्रसर था हरियाणा

उन्होंने कहा कि 2014 तक जो हरियाणा विकास दर, प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार देने में, गरीब कल्याण की योजनाओं में नंबर एक था। 10 साल तक हुड्डा सरकार के समय किसी वर्ग को अपने हकों के लिए सड़कों पर आकर आंदोलन नहीं करना पड़ा। वो आज बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई, नशाखोरी और अहंकार में नंबर एक पर और विकास दर में 17वें स्थान पर पहुंच गया है। आज हर घर में एक शिक्षित नौजवान बेरोजगार है। बेरोजगार युवा नशे की तरफ, अपराध या अपना घर-द्वार बेचकर जान जोखिम में डालकर डांकी के रास्ते विदेश जाकर अपना भविष्य तलाशने को मजबूर हैं। हरियाणा को महंगाई में भी नंबर एक बना दिया। आज देश में सबसे महंगी बिजली, सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल हरियाणा में मिल रहा है।

जनता से विश्वासघात कर बनी भाजपा जजपा सरकार 

उन्होंने कहा कि 2019 में हरियाणा में जनता से विश्वासघात कर सरकार बनाई गई। जनता ने तो भाजपा के 14 में 12 मंत्रियों को हराकर वापस घर भेज दिया था। लेकिन जजपा ने अपने मतदाताओं को धोखा देकर भाजपा को समर्थन दे दिया। ये समझौता 5100 रुपए बुढ़ापा पेंशन या फैक्ट्रियों में 75 प्रतिशत रिजर्वेशन का नहीं, भ्रष्टाचार और लूट की खुली छूट व सरकारी महकमें आपस में बांटकर जीमने का था। बीजेपी ने भी नारा बदल लिया। अब वो काला धन लाने की बजाय, काले धन वालों को बीजेपी में शामिल कराकर उनका काला धन सफेद कर रही है। अब एक बार फिर चुनाव में भाजपा जनता से चीटिंग करने की साजिश रच रही है। इन्होंने चुनाव से पहले अपना समझौता तोड़ने का समझौता कर लिया है।

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