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हरियाणा के नूंह में अधिग्रहित जमीन का बढ़े रेट पर मुआवजे देने की मांग को लेकर किसानों की महापंचायत हुई, जिसमें 9 गांवों के किसान शामिल हुए। महापंचायत में किसान नेताओं ने 9 जून को दोबारा महापंचायत बुलाई, ताकि सरकार के खिलाफ बड़ा निर्णय लिया जा सके।

Nuh: आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में पिछले दो महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे जिले में 9 गांवों के किसानों ने शनिवार को महापंचायत की। महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन टीम से दिल्ली किसान मोर्चा के अध्यक्ष सत्येंद्र लोचब, किसान यूनियन दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष दलजीत डागर, हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, देवीलाल लांबा मोहना सहित नूंह कमेटी के सदस्य सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन, जाहिद पूर्व सरपंच मेहरोला, मुबारिक, मोहम्मद एसपी, इरशाद, इरफान, जमशेद, उस्मान, हाजी रफीक, आसब, हाजी शरीफ, दीन मोहम्मद नंबरदार सहित कई किसान संगठन और समाजसेवी पहुंचे।

9 जून को दोबारा होगा बड़ी महापंचायत

किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद ने महापंचायत को संबोधित करते ऐलान किया कि 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद 9 जून को एक बार फिर बड़ी महापंचायत करते हुए आईएमटी रोजकामेव के काम बंद कराएंगे। यहां किसान पिछले 70 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही। अब हम कड़े कदम उठाएंगे, क्योंकि सरकार के कानो तले जूं नहीं रेंग रही। अब हम किसी की नहीं सुनेंगे। बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी।

25 लाख प्रति एकड़ की बजाय बढ़े रेट पर मुआवजे देने की मांग

किसानों का कहना है कि 9 गांवों की जो जमीन अधिग्रहित की गई थी, उस दौरान किसानों की 25 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया गया था। इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया और वहां के किसानों को बढ़े रेट पर जमीन का मूल्य दिया। धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि उन्हें भी फरीदाबाद क्षेत्र के किसानों की तरह ही मुआवजा दिया जाए। इसी बात को लेकर किसान दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं।

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