Haryana News: हरियाणा में अचानक मौसम बदलने से किसानों की फसलों पर संकट मंडरा रहा है। जहां एक तरफ ठंड कम होने से प्रदेश के लोगों को राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर तापमान बढ़ने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। बता दें कि जनवरी और फरवरी के महीने में गेहूं की फसल के लिए ठंड का मौसम बेहद जरूरी होता है। ऐसे में तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल जल्दी पक सकती है, जिससे गेहूं के दाने छोटे ही रह जाएंगे और फसल की पैदावार कम होगी। इसका ज्यादा असर पछेती गेहूं की फसल पर पड़ेगा।
ज्यादा दिन ऐसा मौसम रहने से होगा नुकसान
इस समस्या पर जानकारी देते हुए जींद के कृषि विशेषज्ञ डॉ.यशपाल मलिक ने बताया कि 4-5 दिन तापमान ज्यादा रहने से कुछ खास नुकसान नहीं होगा, लेकिन अगर 10 से 15 दिनों तक इसी तरह का तापमान रहता है, तो गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 5 दिन तक मौसम साफ रहने वाला है, जिससे ठंड कम होगी और तापमान में इजाफा होगा। हालांकि 28 जनवरी से मौसम एक बार फिर से बिगड़ सकता है।
कृषि विभाग की किसानों को सलाह
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि इस समय गेहूं में ज्यादा यूरिया ना डालें, नहीं तो फसल में तेला व चेपा जैसी बीमारियां लग सकती हैं। साथ ही कहा गया कि जरूरत के हिसाब से गेहूं की फसल में सिंचाई करते रहें। बता दें कि ज्यादा तापमान होने से गेहूं के दाने सही तरीके से पक नहीं पाते हैं। ऐसे में प्रदेश के किसान गंभीर चिंता में हैं क्योंकि हरियाणा में ज्यादातर लोग फसलों पर निर्भर हैं।
अधिक गेहूं उत्पादन करने वाले जिलों में कम बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार बताया जा रहा है कि हरियाणा के उन जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी, जो सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन करते हैं। इन जिलों में करनाल, कैथल, पानीपत, जींद, रोहतक और सोनीपत शामिल आते हैं। बता दें के जनवरी की बारिश गेहूं की फसल के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।
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