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हरियाणा के फतेहाबाद में कर्ण कोट टीले से पौराणिक मूर्तियां मिली हैं। इनमें भगवान गणेश की एक खंडित मूर्ति मिली जो अष्ट धातु से निर्मित बताई जा रही है। यह मूर्ति 650वीं ईसवी शताब्दी की बताई जा रही है।

Fatehabad: हड़प्पा व प्री हड़प्पा कालीन सभ्यता को संजोए फतेहाबाद जिले ने एक बार फिर इतिहास के पन्ने पलटे हैं। जिले के भूना खंड के गांव भट्टू के कर्ण कोट टीले से पौराणिक मूर्तियां मिली हैं। इनमें भगवान गणेश की एक खंडित मूर्ति मिली जो अष्ट धातु से निर्मित बताई जा रही है। यह मूर्ति 650वीं ईसवी शताब्दी की बताई जा रही है। यह मूर्ति प्रारंभिक मध्यकालीन युग की है और इस मूर्ति को प्रथम ईष्टदाता के तौर पर पूजा के लिए प्रयोग किया जाता था। इसके अलावा टीले से 11वीं शताब्दी का भगवान विष्णु का विग्रह मिला है। यहां फिलहाल कोई खुदाई का कार्य नहीं चल रहा।

बारिश या सिंचाई के दौरान ऊपर आते हैं पौराणिक अवशेष 

कर्ण कोट टीले पर अक्सर बारिश होने या फिर खेतों में सिंचाई के लिए लगने वाले पानी के कारण पौराणिक अवशेष ऊपर आ जाते हैं। शोधकर्ता सेफ्टी इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि पौराणिक काल में जब भगवान की मूर्ति बनाई जाती थी तो उसके साथ उनके छोटे-छोटे विग्रह लगाए जाते थे। भगवान विष्णु का यह विग्रह भी किसी बड़ी मूर्ति के साथ लगा होगा। करीब 8 साल पहले जब वह टीले से गुजर रहे थे तो बारिश के दिनों में यहां पर कई पौराणिक महत्व की वस्तुएं दिखाई दी। इसके बाद उन्होंने पुरातत्व विभाग से संपर्क किया। अब तक यहां पर हाथी दांत की चूडि़यों के अवशेष, शिवलिंग, रात को प्रकाश में चमकने वाली मणी सहित महाभारत व गुप्त काल की अनेक वस्तुएं मिल चुकी हैं।

एतिहासिक जगहों के लिए जाना जाता है फतेहाबाद 

शोधकर्ता सेफ्टी इंजीनियर अजय कुमार ने बताया कि अक्सर बारिश व जब यहां पर किसान खेती के बाद सिंचाई करते हैं तो यहां पर अवशेष निकलते रहते हैं। आपको बता दें कि फतेहाबाद जिला ऐतिहासिक जगहों के लिए जाना जाता है। फतेहाबाद के गांव बनावाली व कुनाल में हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेष मिल चुके हैं। गांव भिरडाना में भी 7700 साल पुरानी हाकड़ा सभ्यता, जो हड़प्पा से भी हजारों साल पुरानी सभ्यता मानी जाती है, उसके अवशेष मिल चुके हैं। भिरडाना में मिली सभ्यता के अवशेष पूरे हरियाणा में सबसे पुराने हैं। फतेहाबाद जिला सरस्वती घाटी का हिस्सा माना जाता है।

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