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हरियाणा के कैथल में तेज बरसात आने से किसानों को यहां एक बार फिर बाढ़ आने का खतरा दिखाई दे रहा है। घग्गर नदी की सफाई का काम अधूरा छोड़ा हुआ है, जिसके कारण तेज बरसात होने पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।

गुहला-चीका/कैथल: गुहला में तेज बरसात आने से किसानों को यहां एक बार फिर बाढ़ आने का खतरा दिखाई दे रहा है। भारतीय किसान यूनियन के जिला उपप्रधान केवल सिंह सदरेहड़ी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने घग्गर नदी के साइफन की सफाई का ठेका दिया था परंतु जब किसानों ने ठेकेदार पर आरोप लगाया कि वह घग्गर नदी की सफाई कम कर रहा है और मिट्टी ज्यादा बेच रहा है, तो कुछ दिनों बाद ही ठेकेदार यह कहकर रातोंरात काम अधूरा छोड़ चला गया। किसान नेता ने बताया कि घग्गर नदी के करीब तीन दर्जन साइफन हैं, जिनमें से अधिकतर बंद पड़े हैं और यदि तेज बरसात आई तो फिर यहां दोबारा बाढ़ आने से कोई नहीं रोक सकता।

छोटा टेंडर लगाने की हो जांच

भाकियू नेता ने मांग की कि सरकार इस बात की जांच करे कि अधिकारियों ने समूची घग्गर नदी के साइफन को साफ करने की अपेक्षा छोटा टेंडर क्यों लगवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत के चलते मिट्टी बेचने के लिए ही छोटा टेंडर लगाया गया था, क्योंकि छोटी अवधि का टेंडर जल्द खत्म हो जाना था और उसके बाद जब तक ठेकेदार का दिल करता, वह मिट्टी बेचता रहता।

किसानों ने की थी कंकरीट के बांध बनाने की मांग

किसान नेता केवल सिंह सदरेहड़ी ने कहा कि किसान तो पक्के कंकरीट के बांध बनाने की मांग कर रहे थे परंतु अधिकारियों ने बांधों पर थोड़ी थोड़ी मिट्टी गिराकर अपना पल्ला झाड़ लिया। केवल सिंह ने कहा कि उक्त मुद्दा हरियाणा विधानसभा सत्र में भी उठा था परंतु इस तरफ सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया और अब स्थिति यह है कि तेज बरसात आई तो मिट्टी बहाकर ले जाएगी। इस सम्बन्ध में सिंचाई विभाग के एस.डी.ओ. अजमेर सिंह ने कहा कि सच्चाई यह है कि बरसात का मौसम नजदीक था और आचार संहिता लगने वाली थी जिस कारण छोटा टेंडर लगाकर काम चलाया गया परंतु अब पक्के बांध बना दिए जाएंगे।

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