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गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह भले ही लगातार चौथी बार इस सीट पर जीत दर्ज करने के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि विरोधी खेमा अंतिम समय तक उन्हें बड़ा झटका देने के प्रयास में रह सकता है। कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं की चुप्पी आने वाले समय में राव के लिए नुकसान का सौदा साबित हो सकती है।

नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह भले ही लगातार चौथी बार इस सीट पर जीत दर्ज करने के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि विरोधी खेमा अंतिम समय तक उन्हें बड़ा झटका देने के प्रयास में रह सकता है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद राव अपने खास समर्थकों के साथ ही प्रचार मैदान में प्रभावी तरीके से उतरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं की चुप्पी आने वाले समय में राव के लिए नुकसान का सौदा साबित हो सकती है।

राव की भाजपा में एंट्री के साथ ही शुरू हो गई थी गुटबाजी

वर्ष 2013 में कांग्रेस छोड़कर राव की भाजपा में एंट्री के साथ ही पार्टी में गुटबाजी शुरू हो गई थी। राव ने कभी भी भाजपा के पुराने नेताओं को खास तवज्जो नहीं दी, जिससे यह नेता लगातार उनसे नाराज चल रहे हैं। मौका मिलते ही कुछ नेता राव पर निशाना साधने में पीछे नहीं रहते। कुछ नेता बयानबाजी करने की बजाय चुपके से नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं। कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। अभी देखना यह है कि राव के सामने कांग्रेस किस प्रभावशाली नेता को मैदान में उतारेगी। गत लोकसभा चुनावों में साढ़े 3 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल करने के कारण राव समर्थक इस बार भी आसान जीत मानकर चल रहे हैं, परंतु खुद राव अभी तक पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं।

अंतिम चरण में चुनाव होना राव मान रहे बड़ा खतरा

हरियाणा में अंतिम चरण में चुनाव होना, राव अपने लिए सबसे बड़ा खतरा मान रहे हैं। उनका मानना है कि मतदान तक लंबा समय होने के कारण विरोधी कोई नया शगूफा छोड़कर नुकसान पहुंचाने का काम कर सकते हैं। भाजपा के कई प्रमुख नेताओं ने उनसे दूरी बनाई हुई है। इन नेताओं को मनाने के लिए भी राव की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में मतदान तक राव के सिर पर पार्टी में ही भीतरघात की तलवार लटकी रहेगी, जो उन्हें बड़ा नुकसान भी पहुंचा सकती है। नाराज नेताओं को मनाकर ही राव जीत का रास्ता आसान बना सकते हैं।

प्रमुख नेताओं को नहीं कोई परवाह

राव के चुनाव को लेकर भाजपा के अहीरवाल क्षेत्र के प्रमुख भाजपा नेताओं को किसी तरह की कोई परवाह नहीं है। यह नेता बिन मांगे सहयोग करने के लिए किसी भी सूरत में आगे नहीं आएंगे। डॉ. सुधा यादव, राव नरबीर सिंह व रणधीर सिंह कापड़ीवास जैसे नेताओं ने राव के चुनाव प्रचार को लेकर अभी कोई सक्रियता नहीं दिखाई। कापड़ीवास कई दिनों से भूपेंद्र यादव के लिए अलवर में प्रचार की मुहिम में जुटे हुए हैं।

सोहना तक नुकसान की आशंका

भाजपा में अगर भीतरघात होता है, तो इसका असर रेवाड़ी और गुरुग्राम से लेकर सोहना हलके तक पड़ सकता है। रेवाड़ी में भीतरघात का नजारा पार्टी गत विधानसभा चुनावों में देख चुकी है। वही क्रम लोकसभा चुनावों में भी दोहराया जा सकता है। अगर विरोधी खेमा लामबद्ध होकर नुकसान पहुंचाने पर आमादा हुआ, तो राव की जीत के समीकरण बदलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

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