CM Saini Cabinet : हरियाणा में सीएम सैनी ने अपने 13 मंत्रियों के साथ शपथ ले ली है। यह शपथ ग्रहण समारोह पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में हुआ। इसमें पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। आइए जानते हैं कि सैनी के मंत्री कहां से विधायक हैं, किस जाति से हैं, उनका राजनीतिक अनुभव कितना है। दरअसल, सीएम सैनी की कैबिनेट में ओबीसी, जाट, ब्राह्मण, बनिया, पंजाबी और खत्री समाज से आने वाले चेहरे को जगह दी गई है। जिसके चलते जातीय समीकरण साधने का प्रयास किया गया है। सीएम की कैबिनेट में ओबीसी के 5 चेहरे हैं। जाट, ब्राह्मण और SC समाज से 2-2 मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा पंजाबी, राजपूत और वैश्य समाज से एक-एक चेहरे को मंत्री बनाया गया है।
सैनी सरकार में ये विधायक बने मंत्री
1- अनिल विज - पंजाबी समाज से आते हैं। वह अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और चुनाव से पहले सीएम बनने का दावा भी ठोक चुके हैं। अनिल विज प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री भी रह चुके हैं।
2- महिपाल ढांडा- जाट समाज से आते हैं। वह पानीपत ग्रामीण से विधायक हैं। 2014 में महिपाल ढांडा करनाल से टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें पानीपत ग्रामीण सीट से प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। 2019 में वह दूसरी बार पानीपत ग्रामीण विधानसभा से विधायक बने थे। वहीं 2024 में फिर से उन्होंने चुनाव जीता है। कहा जाता है कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ ढांडा का मजबूत संबंध है। ये वजह है कि वह अपने विरोधियों को टक्कर देते है।
3- कृष्ण पाल पंवार - दलित समाज से आते हैं। अभी वह इसराना से विधायक है। उन्होंने हाल ही में राज्यसभा सीट से इस्तीफा दिया है। जैसे ही उन्होंने इस्तीफा दिया था। तब से ही चर्चाएं शुरू हो गई थी कि सैनी की कैबिनेट में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
4- आरती राव - अहीर समाज से आती हैं। वह अभी अटेली से विधायक है। आरती राव बीजेपी सांसद इंद्रजीत राव की बेटी हैं। इंद्रजीत की बीजेपी और अहीरवाल में अच्छी पकड़ है। ये ही वजह है कि वह अपनी बेटी को पार्टी से टिकट दिलाने और उसे जीतने में सफल हो पाएं। आरती राव शूटर रच चुकी हैं। उन्होंने चार एशियन चैंपियनशिप मेडल भी जीते हैं। हालांकि, 2017 में उन्होंने शूटिंग से संन्यास ले लिया था और वह राजनीति में एक्टिव हो गई थीं।
5- विपुल गोयल -बनिया समाज से आते हैं और वह अभी फरीदाबाद से विधायक हैं। वह दूसरी बार मंत्री बने हैं। विपुल गोयल के राजनीति करियर की बात करें तो उन्होंने 2014 में फरीदाबाद विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीता था। वह पूर्व सीएम मनोहर लाल के समय में भी मंत्री रह चुके हैं। उस समय विपुल गोयल को उद्योग मंत्री बनाया गया था। हालांकि, 2019 में विपुल गोयल को टिकट नहीं मिला था। 2024 में उन्हें टिकट मिला और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी लखन सिंगला को 48 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया।
6- कृष्ण कुमार बेदी -दलित समाज से आते हैं और वह अभी शाहाबाद से विधायक हैं। कृष्ण कुमार बेदी पिछले 20 सालों से बीजेपी से जुड़े हुए हैं। वह पूर्व सीएम मनोहरलाल के राजनीतिक सचिव भी रह चुके हैं।
7- श्याम सिंह राणा - रादौर विधानसभा सीट से विधायक श्याम सिंह राणा ने भी कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है। वह राजपूत समुदाय से आते हैं। वह 2014 में बीजेटी के टिकट से चुनाव लड़े थे। हालांकि, 2019 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दी थी। जिसकी वजह से बीजेपी ने सीट गंवा दी थी। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस बार फिर से कब्जा कर लिया है।
8- डॉ अरविंद शर्मा- ब्राह्मण समाज से आते हैं और वह गोहाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इससे पहले वह करनाल, सोनीपत और रोहतक से सांसद रह चुके हैं और अब गोहाना से विधायक बने हैं। डॉक्टर होने के नाते उन्हें स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा दिया जा सकता है।
9-गौरव गौतम- पलवल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने है। गौरव गौतम ने पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल 33 हजार से ज्यादा वोट से हराया था। ऐसे में 25 साल बाद पलवल जिले को मंत्री पद मिला है। वह ब्राह्मण समाज से आते हैं।
10 राजेश नागर- तिगांव में लगातार दूसरी बार बीजेपी से विधायक बने हैं। राजेश नागर 2014 में पहली बार चुनाव लड़े थे। हालांकि, कांग्रेस के ललित नागर के सामने हार गए थे। बीजेपी ने उन्हें 2019 में टिकट दिया था और वह जीत गए थे। इसके बाद फिर उन्हें 2024 में टिकट दिया गया और वह जीत गए। कहा जाता है कि सौम्य स्वभाव वाले राजेश नागर के बीजेपी आलाकमान के साथ अच्छे संबंध हैं। ये ही वजह है कि उन्हें सैनी कैबिनेट में जगह मिली है। राजेश नागर ने आज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ ली है। वह ओबीसी समाज से आते हैं।
11- राव नरबीर सिंह- बीजेपी नेता राव नरवीर सिंह बादशाहपुर से विधायक हैं और चौथी बार मंत्री बने हैं। वहीं बादशाहपुर से दूसरी बार विधायक बने हैं। साल 2014 में उन्होंने ही बादशाहपुर में पहली बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा ता। वह पहली बार 1987 में 26 साल की उम्र में जाटूसाना से राव इंद्रजीत सिंह को हराकर विधायक बने थे और उन्हें ताऊ देवीलाल सरकार में गृह राज्यमंत्री बनाया गया था।
12- रणबीर सिंह गंगवा -ओबीसी समाज से आते हैं और वह अभी बरवाला सीट से विधायक हैं।
13- श्रुति चौधरी - जाट समाज से आती हैं। वह भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट पर विधायक हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती है और उनका मुकाबला इस सीट पर उनके चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से था। श्रुति चौधरी बीजेपी सांसद किरण चौधरी और बंसीलाल के दिवंगत बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी हैं। श्रुति और उनकी मां किरण चौधरी ने इसी साल जून में बीजेपी ज्वाइन की थी।