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Haryana Staff Selection Commission: हरियाणा सरकार ने 24 घंटे के भीतर HCS वत्सल वशिष्ठ को OSD पद से हटा दिया है। पढ़िये इसके पीछे की वजह...

Haryana Staff Selection Commission: हरियाणा सरकार ने 2002 बैच के अधिकारी रहे वत्सल वशिष्ठ को  HCS के OSD पद पर कार्यरत थे। लेकिन वत्सल वशिष्ठ पर चौटाला सरकार के समय हरियाणा सिविल सेवा आयोग में हुई भर्ती में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था। जिसके बाद प्रदेश की वर्तमान सरकार एक्शन में आ गई है। पोल खुलने के बाद 24 घंटे के भीतर वत्सल वशिष्ठ को उनके पद से अब हटा दिया गया है।

वत्सल वशिष्ठ की जगह किसे किया गया नियुक्त ?

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में वत्सल वशिष्ठ पर हरियाणा सिविल सेवा 66 पदों की भर्ती में गड़बड़ी को लेकर आरोप लगा था। इस मामले में  हिसार के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल की कोर्ट में 29 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस मामले में यह भी सामने आया है कि वत्सल वशिष्ठ ने HCS की पोस्ट पर खुद का सिलेक्शन फर्जीवाड़े तरीके से करवाया था।  ऐसा कहा जा रहा है कि वत्सल वशिष्ठ पर आरोप तय होने के बाद उनकी जगह अब 2016 बैच के HCS अधिकारी शंभू को HSSC का OSD पर नियुक्त किया जाएगा।  

उत्तर पुस्तिकाओं के साथ हुई थी छेड़छाड़

ACB की जांच में सामने आया था कि जब 1 मार्च 1999 को HCS कुल 66 पदों पर आवेदन जारी किए गए थे। जिनमें करीब 21 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। इसके बाद 3 मई 2002 को परिणाम घोषित हुआ था। इनमें से करीब 195 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। जिनमें 117 अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका  को चेक किया गया तब 696 में से 198 उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी मिली।

इन गड़बड़ियों में अंको में भेदभाव, प्रश्नों के जवाब न लिखने पर अंक देना, अलग स्याही का इस्तेमाल जैसी गड़बड़िया शामिल थीं। इस बात को पुख्ता करने के लिए  उत्तर पुस्तिकाओं को SFL टीम को भी भेजा गया। जिसके बाद यह साबित हो गया कि उत्तर पुस्तिकाओं के साथ बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।

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अगली सुनवाई 11 नवंबर को

इसके बाद  कांग्रेस नेता कर्ण सिंह दलाल ने 78 अभ्यर्थियों की 465 उत्तर पुस्तिकाओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने भी उत्तर पुस्तिका में हुई गड़बड़ी पर मोहर लगा दी थी। इसके बाद इस मामले को विजिलेंस जांच की अनुमति मिली थी। फिलहाल इस मामले की जांच अभी जारी रहेगी। इस केस की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।

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