चंडीगढ़: हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि हरियाणा में एच.एम.पी.वी से संक्रमण का कोई केस नहीं है, फिर भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को इन्फ्लूएंजा, एचएमपीवी (HMPV), आरएसवी (RSV) एवं सांस से संबंधी अन्य बीमारियों के इलाज के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दे दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उनके दिशा -निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के महानिदेशक की ओर से भी सिविल सर्जन को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया कि वे एचएमपीवी समेत उक्त बीमारियों के प्रति अपने -अपने क्षेत्र में सतर्क रहें और प्रभावी तैयारी सुनिश्चित करें।
स्वास्थ्य केंद्रों में बनाए गए फ्लू कॉर्नर
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में फ्लू कॉर्नर बनाए जाएं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि फ्लू कॉर्नर के लिए नामित स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त संख्या में दवा, उपकरण, ऑक्सीजन तथा वेंटिलेटर हों एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की ड्यूटी लगातार रोटेशन में लगाएं। इन केंद्रों के प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे ओस्टेलमाविर 75, 45 , 30 मिलीग्राम और सिरप के साथ-साथ पीपीई, एन-95 मास्क, अभिकर्मक किट (Reagent Kit) वीटीएम (VTM) आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें। जिला स्वास्थ्य अधिकारी इन स्पेशल केंद्रों में मौसमी इन्फ्लूएंजा और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए समर्पित बिस्तर ( Dedicated Bed) सुनिश्चित करें।
सांस के लक्षणों पर रखे निगरानी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिला निगरानी इकाई ( District Surveillance Unit) को अपने क्षेत्र में इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों से मेल करती बीमारियां तथा सांस के गंभीर लक्षणों के रुझान पर निगरानी रखनी होगी। जरुरत पड़ने पर गंभीर मामलों में सैंपल की जांच करवाएं। प्रदेश के लोगों में सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूकता की गतिविधियों को बढ़ाना, सांस लेने तथा हाथों की स्वच्छता के पालन के बारे में सचेत करने के निर्देश दिए। मंत्री ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि बुजुर्गों, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।
क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)
हरियाणा के स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक ऐसा वायरस है जो सभी उम्र के लोगों में श्वसन संक्रमण पैदा कर सकता है। इस संक्रमण के चिकित्सकीय रूप के लक्षणों के बारे में जानकारी दी कि इसमें खांसी, बुखार, नाक बंद होना, सांस लेने में तकलीफ और ब्रोंकाइटिस, गंभीर मामलों में निमोनिया भी हो सकता है। HMPV खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों, नज़दीकी व्यक्तिगत संपर्क, जैसे हाथ छूना या मिलाना, दूषित सतहों को छूना और फिर मुंह, नाक या आंखों को छूने के ज़रिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
वायरस से बचने के उपाय
डॉ. बंसल ने लोगों को ज्यादा डरने की बजाय कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हुए कहा कि ज़्यादातर मामले 2-5 दिनों के बाद बिना इलाज के ठीक हो जाते हैं। फिर भी अगर हो जाए तो मरीज़ खूब पानी पिए, आराम करें, दर्द और श्वसन संबंधी लक्षणों के लिए दवाएं लें। HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हाथों को बार-बार साबुन और पानी से साफ करें, बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें, बीमार लोगों के साथ नज़दीकी संपर्क से बचें, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें, बार-बार छूई जाने वाली सतहों को साफ करें, बीमार होने पर घर पर ही रहें।