यमुनानगर। जिले में स्वाइन फ्लू ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। नौ साल की बच्ची के बाद अब दो साल का बच्चा स्वाइन फ्लू से पीड़ित है। हालांकि बच्ची की हालत में सुधार है, लेकिन दो वर्षीय बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे पीजीआई रेफर किया गया है, जहां वेंटिलेटर पर उसका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि शुरुआती दवा से आराम न मिलने पर परिजन बच्चे को सिविल अस्पताल में लेकर आए थे। यहां पर डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू की आशंका जताते हुए पीजीआई रेफर कर दिया था। पीजीआई में स्वाइन फ्लू का टेस्ट करवाने पर बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
एक बच्ची की हालत में आया सुधार
जानकारी के अनुसार जिले में स्वाइन फ्लू के दो केस सामने आ चुके हैं। पिछले महीने शहर जगाधरी की गुलाब नगर कॉलोनी निवासी नौ साल की बच्ची में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले थे। इसके इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार है। अब गांव नाहरपुर से दो साल का बच्चा स्वाइन फ्लू की चपेट में आया है। पहले परिजनों ने उसे गांव के ही मेडिकल स्टोर से दवाई दिलवाई। मगर उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। परिजन बाद में उसे सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। बच्चे में स्वाइन फ्लू के लक्षण थे, जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे को पीजीआई रेफर कर दिया।
क्या कहते हैं अधिकारी
सिविल अस्पताल के स्वाइन फ्लू इंचार्ज डॉक्टर वागेश गुटेन ने बताया कि जिले में स्वाइन फ्लू के दो केस सामने आ चुके हैं। नौ वर्षीय बच्ची की हालत में सुधार है। मगर दो वर्षीय बच्चे की हालत गंभीर बनी है। उसका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा है। बच्चा अभी वेंटिलेटर पर है। वह भी बच्चे की हालत पर नजर रखे हुए हैं।
दूसरे जिलों में भी आ चुके हैं केस
पिछले सप्ताह हिसार में भी करीब 15 केस स्वाइन फ्लू के दर्ज किए गए थे। हालांकि इनमें हिसार के सात ही थे। वहीं, पिछले साल जींद में भी कई केस सामने आए थे।
स्वाइन फ्लू ने 2009 में फैलाया था आतंक
वर्ष 2009-10 के फ्लू सीज़न के दौरान एक नया H1N1वायरस सामने आया। यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया संयोजन था, जो सुअरों और पक्षियों को संक्रमित करता था। फिर इसने इंसानों को भी चपेट में ले लिया। इसी को स्वाइन फ्लू कहा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित किया था। उस वर्ष इस वायरस के कारण दुनिया भर में लगभग 284,400 मौतें हुईं। फ्लू से पीड़ित अधिकांश लोग अपने आप ठीक हो जाते हैं।
स्वाइन फ्लू के यह लक्षण देते हैं दिखाई
एच1एन1 के कारण होने वाले फ्लू, जिसे आमतौर पर स्वाइन फ्लू कहा जाता है, के लक्षण अन्य फ्लू वायरस के समान ही होते हैं। इसमें बुखार आता है, लेकिन यह हमेशा नहीं रहता। मांसपेशियों में दर्द होना। ठंड लगना और पसीना आना. खाँसी, गला खराब होना, नाक भरना, पानी भरी लाल आंखें और दर्द। शरीर दर्द, सिरदर्द, थकान और कमज़ोरी और दस्त आदि भी होते हैं। पेट में दर्द और उल्टी भी बच्चों को हो सकती है। उच्च जोखिम वाले रोगियों और बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक है। फ्लू के लक्षण 1 से 4 दिन बाद विकसित होते हैं।
स्वाइन फ्लू से ऐसे करें बचाव
यदि आपको लगता है कि कोई स्वाइन फ्लू से पीड़ित है या हो सकता है तो उस बीमार व्यक्तियों के निकट संपर्क से बचें। लक्षण महसूस होने पर घर पर ही अलग रहें। ज्यादा उपयोग में ली गई वस्तुएं व जगह को सेनिटाइज करें। गंदे हाथों से बार-बार अपनी आंखों, नाक और त्वचा को छूने से बचें। साबुन से बार-बार हाथ धोएं। खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को ढक लें।