कासिम खान, नूंह। जिले की ग्राम पंचायतों में पिछले कार्यकाल के दौरान मनरेगा योजना के तहत जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। जिले के लगभग अधिकतर पंचायत खंडों की ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें सामने आई। जिसकी जांच के बाद अधिकतर मामलों में केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तारी भी हुई। जिनमें से कई मामलों की जांच अभी भी जारी है। इसी प्रकार नूंह की ग्राम पंचायत कालियाकी में भी मनरेगा योजना के तहत भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था।
सीएम फ्लाइंग की जांच पर रोजका थाने में दर्ज हुआ केसमुख्यमंत्री उड़न दस्ता टीम द्वारा जांच करने के बाद थाना रोजका मेव में मुकदमा दर्ज हुआ। मामले में जांच के लिए गठित एसआईटी ने अब तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव सुंदर सिंह को गिरफ्तार किया है। जिसे एक दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। जिन पर मुख्य रूप से आरोप है कि पंचायत विभाग के अधिकारियों से मिली भगत कर मनरेगा योजना के तहत मजदूरों से कराए जाने वाले कार्य को मशीनों से कराकर लाख रुपये से अधिक की राशि हड़प ली।
फरवरी 2021 में खत्म हुआ था पंचायतों का कार्यकालपुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक फरवरी 2021 में ही पिछली योजना का पंचायत कार्यकाल खत्म हुआ था। नूंह की ग्राम पंचायत कालियाकी पंचायत शक्तियां विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई। गांव में एक रास्ते का मिट्टी भरत के साथ निर्माण मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत हुआ। आरोप था कि पंचायत विभाग के अधिकारियों ने इस कार्य को मजदूरों से ना करवाकर मशीनों का उपयोग किया। जबकि मजदूरों के नाम पर बैंक में फर्जी खाते खोलकर राशि हड़प ली। सीएम फ्लाइंग टीम ने जांच में पाया कि रास्ते निर्माण में मनरेगा मजदूरी के लिए करीब साढ़े तीन लाख रुपए मजदूरी और पांच लाख रुपये निर्माण सामग्री का खर्च दिखाया।
दो बैंकों में खुलवाए मजदूरों के खातेमनरेगा के तहत किए गए इस कार्य में 73 मजदूर मनरेगा योजना के तहत दर्शाए गए। इनमें से 51 के खाते गुरुग्राम केंद्रीय कोऑपरेटिव बैंक पुन्हाना में खुले, जबकि 15 खाते सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक की एक शाखा में तो बाकी अलग अलग बैंक शाखाओं में खोले गए। मुख्यमंत्री उड़न दस्ता की टीम ने जांच में पाया कि मजदूरों को अपने खोले हुए बैंक खातों के की कोई जानकारी नहीं थी। मजदूरों के नाम पर जो राशि कार्य के लिए दर्शाया गई थी जबकि धरातल पर कार्य मशीनों से कराया गया था।
इनके खिलाफ दर्ज हैं केसमनरेगा में ऐसे आठ लाख रुपए से अधिक की राशि को हड़प कर अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। जिसमें तत्कालीन खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी, सहायक लेखाकार, ग्राम सचिव, शाखा प्रबंधक, शाखा कैशियर सहित करीब 6 लोग शामिल थे। मुख्यमंत्री उड़न दस्ता टीम के उप निरीक्षक सतबीर सिंह के बयान पर दिसंबर 2022 में थाना रोजका मेव में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके संदर्भ में गठित एसआईटी मामले की जांच कर रही थी। बीते बृहस्पतिवार को ग्राम सचिव सुंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया,जो फिलहाल तावडू पंचायत कार्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे थे। पुलिस के मुताबिक आरोपी ग्राम सचिव को एक दिन पुलिस रिमांड पर लिया गया है।