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हरियाणा में जींद के गांव बीबीपुर से आठ मार्च 2015 को हुई थी कार्यक्रम की शुरूआत। बेटियों के प्रति समाज की सोच बदलना अभियान का लक्ष्य। मुस्लिम बाहुल्य नूंह में गांव किरूरी व भूतलाका के सभी घरों पर लगी की नेम प्लेट। अब तक प्रदेश में 50 हजार घर किए जा चुके हैं कवर।

नूंह। आठ जुलाई 2015 को बेटियों के सम्मान के लिए जींद के बीबीपुर गांव से शुरू हुई मुहिम में अब तक न केवल प्रदेश के 50 हजार घरों पर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लग चुकी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में मुहिम की प्रशंसा कर चुके हैं। अब यह मुहिम हरियाणा की सीमा लांघकर मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र तक फैल चुकी है। खास बात यह है कि मुहिम के तहत हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले के गांव किरूरी व भूतलाका में भी सभी घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लग चुकी है तथा अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर चलाए गए स्पेशल अभियान में मुहिम के तहत पांच हजार घरों को कवर किया गया। बेटियों के लिए चली इस मुहिम से अब अब दूसरी संस्थाएं भी जुड़ने लगी हैं।

2015 में जींद से हुई थी शुरूआत

जींद में गांव बीबीपुर के तत्कालीन सरपंच सुनील जागलान ने पिता की सत्ता में बेटियों को संपत्ति का अधिकार दिलवाने के लिए सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन संस्था बनाकर 8 जुलाई 2015 को अपने घर के बाहर बेटी की नेम प्लेट लगाकर अभियान की शुरूआत की थी। जिसके बाद गांव में महिला पंचायत, महिला चौपाल जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सरपंचों को साथ लेकर दूसरे गांवों में इस पर काम शुरू किया। जिससे फाउंडेशन अब तक प्रदेश में 50 हजार घरों पर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगा चुकी है।

शुरूआती दौर में झेलना पड़ा विरोध

सुनील जागलान को शुरूआती दिनों में अपने इस कार्यक्रम को लेकर विरोध भी झेलना पड़ा, परंतु बिना हार माने अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते रहे। अपने कार्यकाल के दौरान पंचायत स्तर पर गांव में महिलाओं के लिए अगल अलग कार्य करना जारी रखा। जिससे अब इस अभियान को जींद के अलावा प्रदेश के हिसार, नूंह, फतेहाबाद व पंचकूला इत्यादि जिलों में भी चलाया जा रहा है। नूंह जैसे जिले के गांव किरुरी व भूतलाका देश के पहले ऐसे गांव बन चुके हैं, जहां गांव के सभी घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेम प्लेट लग चुकी हैं। दोनों गांवों में इस दौरान भ्रांतियों के चलते कुछ परेशानी भी आई, परंतु आखिरकार सभी परिवारों को समझाने में सफलता मिल ही गई।

2017 में बेटियों का नाम लिखना हुआ शुरू 

सेल्फी विद डाटर अभियान शुरू होने के बाद हरियाणा में 2017 से बेटियों के पैदा होने पर आंगनवाड़ी वर्कर्स ने उनके घरों के बाहर उनका नाम लिखना शुरू कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मुहिम को सराह चुके हैं। संस्था के फाउंडेशन सुनील जागलान ने कहा कि हरियाणा में हिसार के गांव सिंघवा राघो, गुरुग्राम के गांव अलीपुर में भी अभियान सफल हो चुका है। महिला दिवस अब देश के विभिन्न राज्यों में अपने वालंटियरों के माध्यम से एक सप्ताह के भीतर लड़कियों के नाम की पांच हजार नेम प्लेट लगाई गई हैं ।

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