Rewari : शहर में बस स्टैंड व पटवार भवन में रैन बसेरे होने के बावजूद असहाय व बेसहारा लोग खुले में सोने को मजबूर है। ठंड ने अपने चरम पर पहुंच कर लोगों की कंपकंपी छुड़ाई हुई है। कड़ाके की ठंड में आम जनमानस को राहत देने के लिए शहर में बनाए गए रैन बसेरों का जरूरतमंद लोगों को लाभ नहीं रहा। हालांकि रैन बसेरों में बैड, रजाई, गद्दों व कंबल की व्यवस्था है, लेकिन काफी समय इन रैन बसेरों पर ताला लटका रहता है। जिसके कारण खुले आसमान के नीचे लोग जिंदगी की जंग लड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
दिन में भी लगा मिल रहा ताला>
दिन व रात के तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव चल रहा है। तापमान बढ़ने के साथ कम भी हो रहा है। रैन बसेरों में भी कम ही लोग पहुंच पा रहे है, जिसको लेकर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी भी ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे। जब शुक्रवार को रैन बसेरों का जायता लिया तो बस स्टैंड पर बना महिला रैन बसेरा खुला मिला, जबकि पुरूष रैन बसेरे पर ताला लटका मिला। इसके अलावा नगर परिषद की ओर से बनाए हुए पटवार भवन के रैन बसेरे पर भी ताला लटका मिला, जबकि पटवार भवन के रैन बसेरे में दो शिफ्ट में दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई है।
बावल में सुचारू चल रहा रैन बसेरा
बावल में नगरपालिका की ओर से एक दिसंबर से पुराने फायर कार्यालय में रैन बसेरा चालू किया हुआ है। किसी भी जरूरतमंद को रैन बसेरे में रुकने के लिए अपनी आईडी दिखानी होगी। रैन बसेरे में दो शिफ्टों में दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई है। नपा सचिव अंजल वायु ने बताया कि रैन बसेरे में रुकने वाले व्यक्तियों के लिए बिजली व पानी की व्यवस्था की हुई है। रैन बसेरे में बैड, रजाई व गद्दे की भी व्यवस्था है, लेकिन रैन बसेरे में ज्यादा लोग नहीं आ रहे है।
प्रशासन ने ठंड से बचाव की जारी की थी एडवाइजरी
कड़ाके की ठंड व शीतलहर से बचाव को लेकर जिला प्रशासन ने दो दिन पहले विशेष एडवाइजरी जारी की थी। डीसी ने नागरिकों से शीतलहर व सर्दी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील भी की, जिसमें कहा कि प्रशासन की ओर से जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए रेवाड़ी, धारूहेड़ा व बावल में शहरी इकाईयों के माध्यम से रैन बसेरे भी संचालित हैं, लेकिन ठंड के चरम पर होने के कारण काफी बार शहर के रैन बसेरों में ताले लटके रहते है, जिससे शरण के लिए आने वाले जरूरतमंद लोगों को वापस लौटना पड़ रहा है।