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रेवाड़ी में एक युवक से घर बैठे कमाई का झांसा देकर 1.55 लाख रुपये की ठगी की गई। साइबर पुलिस ने जांच के बाद इंदौर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी ऑनलाइन लिंक भेजकर लोगों को फंसाते थे और फर्जी बैंक खातों के जरिए पैसे ट्रांसफर कराते थे। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

रेवाड़ी में ऑनलाइन नौकरी के नाम पर ठगी : घर बैठे पैसे कमाने का सपना आजकल हर कोई देखता है, लेकिन जब यही सपना किसी की मेहनत की कमाई छीन ले, तो वह सपना नहीं, वह एक खौफनाक याद बन जाता है। हरियाणा के रेवाड़ी में भी कुछ ऐसा ही हुआ, जहां एक युवक से ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर 1.55 लाख रुपये की ठगी की गई, लेकिन अच्छी बात यह रही कि पुलिस ने इस केस में तेजी से कार्रवाई करते हुए इंदौर से तीन शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है। 

कमाई का झांसा, लिंक भेजकर फंसाया जाल में

रेवाड़ी के आदर्श नगर निवासी अभिनव को 6 जनवरी को एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को किसी कंपनी का प्रतिनिधि बताया और कहा कि वह घर बैठे ऑनलाइन काम करके मोटी कमाई कर सकता है। इस ऑफर को सुनकर अभिनव थोड़ा उत्साहित हुआ। फिर उसके पास एक लिंक भेजा गया, जिससे वह एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गया। इस ग्रुप में शामिल होते ही उसके खाते में 150 रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। फिर उसे एक यूपीआई नंबर दिया गया और 1000 रुपये जमा करने को कहा गया। जब उसने पैसे ट्रांसफर किए, तो बदले में 1410 रुपये वापस आए। यह देखकर अभिनव को विश्वास हो गया कि यह एक सच्चा ऑनलाइन जॉब है।

लालच बना जाल और डूबते चले गए पैसे

पैसा मिलने के बाद अभिनव को लगातार और पैसे भेजने को कहा गया। हर बार उसे यह कहा जाता कि जितना ज्यादा पैसा जमा कराओगे, उतना ज्यादा मुनाफा मिलेगा। इस लालच में आकर उसने 8 जनवरी तक 1.55 लाख रुपये अलग-अलग नंबरों पर ट्रांसफर कर दिए, लेकिन जब पैसे वापस लेने की बात आई, तो उससे कहा गया कि और रकम जमा करनी होगी, तभी पेमेंट रिलीज होगा। तभी उसे ठगी का अहसास हुआ और उसने 10 जनवरी को साइबर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

पुलिस की तफ्तीश, इंदौर से दबोचे गए आरोपी

शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर साइबर ठगों की तलाश शुरू की। जांच में पाया गया कि ठगी की रकम मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है। पुलिस टीम ने इंदौर जाकर लक्ष्मीपुरी कॉलोनी के राकेश परमार, मल्हारगंज के दलीप रजक और वर्दावन कॉलोनी के लोकेश दबे को गिरफ्तार किया। इन तीनों को हिरासत में लेकर रेवाड़ी लाया गया और पूछताछ की जा रही है। 

साइबर ठगों को कमीशन के आधार पर फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराते थे 

जांच में खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपियों में से दलीप रजक के खाते में 65 हजार रुपये सीधे ट्रांसफर हुए थे। वहीं, राकेश परमार और लोकेश दबे साइबर ठगों को कमीशन के आधार पर फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराते थे, ताकि उन्हें ट्रेस न किया जा सके। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि इनके साथ और कौन-कौन लोग इस रैकेट में शामिल हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि कितने और लोगों को इस गैंग ने अपना शिकार बनाया है। 

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