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पथरी के ऑपरेशन में गई जान : रेवाड़ी के मॉडल टाउन में एक प्राइवेट अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन कराने के बाद महिला कोमा में चली गई। सर्जन ने खुद ही उसे दूसरे अस्पताल में दाखिल कराया। बाद में परिजन उसे एक अन्य अस्पताल में ले गए। बुधवार को उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीएम से लेकर सीएमओ तक को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। 

ऑपरेशन के बाद दर्द बढ़ा, नर्स ने दे दिया इंजेक्शन

सीएम के नाम भेजे पत्र में नूंह के बैसी गांव निवासी मुकेश सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी 45 वर्षीय सीमा को पथरी थी। उसे पथरी के इलाज के लिए 22 मार्च को डॉ. वेदप्रकाश हास्पिटल में दाखिल कराया गया था। डॉक्टर ने सभी जांच ठीक बताते हुए रात को करीब 1 बजे ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद सीमा को ज्यादा दर्द की शिकायत होने पर स्टाफ नर्स ने उसे इंजेक्शन दिया। उसके बाद सीमा की हालत बिगड़ गई। वह बेहोश होने के बाद होश में नहीं आई। मुकेश ने बताया कि सुबह करीब 3 बजे सीमा को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। डॉ. वेदप्रकाश ने आश्वासन दिया कि मरीज को करीब 24 घंटे में होश आ जाएगा, परंतु उसे होश नहीं आया। वह कोमा में चली गई। 24 मार्च को डॉक्टरों ने उसे कहा कि वह मरीज को कहीं और ले जा सकता है। वह अपनी पत्नी को शहर के एक अन्य अस्पताल में ले गया। बुधवार सुबह डॉक्टर ने सीमा को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सामान्य अस्पताल से पोस्टमार्टम करा दिया। इस संबंध में डॉ. वेदप्रकाश से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन अटैंड नहीं किया। 

केवल 7 ग्राम खून में कर दिया ऑपरेशन

मुकेश ने सीएम व अन्य अधिकारियों को लिखे पत्र में दावा किया है कि उसकी पत्नी के शरीर में खून की मात्रा 7 ग्राम थी। खून की कमी का पता होने के बावजूद डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। उसने आरोप लगाया कि मरीज को होश नहीं आने के बावजूद कई घंटों तक गुमराह किया गया। इसके बाद उसे कहीं भी ले जाने की बात कही। अस्पताल में डॉक्टर के पास पर्याप्त सुविधाएं तक मौजूद नहीं थीं। उसने आरोप लगाया कि सीमा की मौत इलाज में लापरवाही के चलते हुई है, इसलिए दोनों डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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