Sonipat Mayor Bypolls: हरियाणा निकाय चुनाव के दौरान सोनीपत मेयर उपचुनाव के लिए 2 मार्च को वोटिंग हुई थी। इस उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से मेयर प्रत्याशी ने बीजेपी सरकार पर निगम से बाहर वोट करवाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने हरियाणा के चीफ इलेक्शन कमीशन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। कमल दीवान ने आरोप लगाते हुए कहा है कि गांव बैंयापुर में पहले से ही एक सरपंच मौजूद है, लेकिन इसके बावजूद भी वहां पर मतदान कराया गया। कांग्रेस प्रत्याशी की मांग है कि गांव बैंयापुर में हुई वोटिंग को निगम चुनावों के रिजल्ट से अलग रखा जाए।
कांग्रेस प्रत्याशी ने आयोग को लिखा पत्र
कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में बताया कि सोनीपत-रोहतक रोड पर स्थित गांव बैंयापुर नगर निगम की सीमा से बाहर है। 2022 में वहां पर पंचायती चुनाव हुए थे और मौजूदा समय में वहां पर एक सरपंच भी कार्यरत हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि 3 जुलाई 2015 गांव बैंयापुर को नगर निगम में शामिल किया गया था, लेकिन 26 जुलाई 2018 को गांव वालों के विरोध के चलते इसे नगर निगम से बाहर कर दिया गया था।
इसके अलावा कमल दीवान ने आरोप लगाया कि मतदान से पहले 1 मार्च 2025 को बैंयापुर को निगम की सीमा में शामिल कर लिया गया और वोटिंग भी करवाई गई। उन्होंने प्रशासन पर विपक्षी दल के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है, जिससे कि चुनाव के रिजल्ट को प्रभावित किया जा सके। बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी ने गांव बैंयापुर के मतदान केंद्र संख्या 228, 229, 230, 231 और 232 पर पड़े वोटों को गिनती को नगर निगम के परिणामों से अलग रखने की मांग की है।
मतदाता सूची तैयार करते समय लापरवाही
वहीं, नगर निगम की ओर से जांच करने पर सामने आया कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में मेयर उपचुनाव के लिए वोटर लिस्ट तैयार किया जा रहा था। इस दौरान लिस्ट को अपडेट करने के लिए दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। जानकारी के मुताबिक, उन कर्मचारियों ने निगम से बाहर के पंचायती राज वाले गांव बैंयापुर की वोटर लिस्ट को भी अपडेट कर दिया। इसके बाद इसी लिस्ट को ही आगे भेज दिया गया, जिसे अधिकारी समझ नहीं पाए। इसके चलते 2 मार्च को गांव बैंयापुर में भी मतदान कराया गया।
गांव में बहुत कम लोगों ने किया वोट
बता दें कि मतदान से एक दिन पहले ही जल्दबाजी में गांव बैंयापुर में मतदान केंद्र बनाए गए। जानकारी के मुताबिक, वोटिंग से एक दिन पहले शनिवार की शाम को प्रशासन ने वोटर स्लिप बांटना शुरू किया। इसके चलते वहां पर काफी कम लोगों ने मतदान किया। गांव के कुल 4500 वोटरों में से सिर्फ 1200 लोगों ने अपना वोट डाला।
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