सोनीपत: सिविल लाइन थाना क्षेत्र में पीजी चलाने वाली महिला की चरित्र संदेह के चलते हत्या करने के आरोपित भाई व उसके दोस्त को अदालत ने दोषी करार दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. जसबीर सिंह की अदालत (Court) ने दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने दोनों पर दस-दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। जुर्माना राशि अदा न करने पर दोषियों को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
चरित्र संदेह के चलते की थी हत्या
एनआईटी फरीदाबाद निवासी डेनी पाउल ने 21 जनवरी को पुलिस में दी शिकायत में बताया कि उसने पंचशील कॉलोनी में पीजी में कमरा किराए पर लिया था। 20 जनवरी को सुबह करीब साढ़े नौ बजे आवाज सुनाई दी कि मार दिया। उसने जाकर लॉबी में देखा तो रीना मलिक निवासी रभड़ा हाल में पंचशील कॉलोनी पर उसका भाई रविंद्र उर्फ पालू चाकू से हमला कर रहा है। वहीं एक अन्य ने रीना मलिक को पकड़ा हुआ है। उसे देखकर हमलावर वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए। घायल होने के चलते रीना मलिक की मौके पर ही मौत (Death) हो गई। मामले को लेकर पुलिस को अवगत करवाया।
छह माह पहले आरोपियों में हुई थी दोस्ती
आरोपित दीपक ने बताया कि वो महज छह महीने पहले ही रविद्र के संपर्क में आया था। दोनों की फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई। आपस में बातचीत होने लगी। हत्या की वारदात से दो दिन पहले ही उसे अपने पास सोनीपत बुलाया था। दोनों ने रीना मलिक के चरित्र को लेकर बातचीत की। इस पर रविंद्र ने उसे मन की बात बताई तो वह हत्याकांड में शामिल होने को राजी हो गया। बाद में दोनों ने चाकू से गोदकर रीना की हत्या (Murder) कर दी। मृतका के भाई रविंद्र ने बताया कि बहन को हर वक्त फोन पर बिजी देख शक हुआ। टोकने पर वह झगड़ा करती थी। समाज में बदनामी के डर से हत्या करने की वारदात को अंजाम दिया।